नवादा. बिहार के नवादा से बड़ी खबर आ रही है. रजौली थाना क्षेत्र के बिहार-झारखंड बॉर्डर के पास हरदिया पंचायत स्थित नक्सल प्रभावित गांव परतौनिया में तीन एकड़ में लगी अफीम की फसल को पुलिस ने नष्ट कर दिया. नष्ट अफीम की कीमत पांच करोड़ रुपये आंकी गयी है. इस दौरान 20 किलोग्राम हरा अफीम व एक रायफल बरामद किया गया.पुलिस को सूचना मिली थी कि रजौली थाना क्षेत्र के जंगली क्षेत्र में अफीम की खेती की गयी है. जब पुलिस ने जांच की तो यह बात सत्य निकली. इसके बाद पुलिस टीम ने सुदूर घने जंगलों में दो घंटे का रास्ता पार करके खेतों में लगी सभी फसल को नष्ट कर दी.
एसडीपीओ ने बताया कि जंगल के बीच जहां पर सामान्यतः कोई आता-जाता नहीं है, ऐसी जगह पर बरसाती नाले के किनारे पेड़ों को काटकर जमीन को समतल बनाकर अफीम के पौधे लगाये गये थे. मादक पदार्थ अफीम की खेती करने वालों के ऊपर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. खेती करने वाले लोगों का पता लगाया जा रहा है. इस मामले में किसी मौके से किसी की गिरफ्तारी नहीं की गयी है. बता दें कि बीते वर्ष 2022 के मार्च माह में भी परतौनिया के जंगली क्षेत्रों में उत्पाद अधीक्षक अनिल कुमार आजाद द्वारा पुलिस बलों के सहयोग से लगभग डेढ़ एकड़ में अफीम के फसल को नष्ट किया गया था.
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पुलिस टीम को छापेमारी के दौरान रायफल भी मिली है. बताया जा रहा है कि अफीम की खेती नक्सली द्वारा करायी जाती है. इससे मोटी रकम की प्राप्ति होती है और नक्सलियों का संगठन चलाने में यह राशि सहयोग करती है. बताया जा रहा है कि नशीले पदार्थ अफीम की खेती अधिक लाभ कमाने की लालच देकर नक्सलियों के द्वारा करायी जाती है. जंगली क्षेत्र की जमीन मालिकों को प्रलोभन दिया जाता है. इसकी खेती करने से जल्द ही आप लोग अमीर हो जाओगे. कई बार किसानों को सही जानकारी नहीं होने के कारण नक्सली एवं माफिया आगे बढ़कर जमीन मालिकों को सभी जरूरी संसाधन को खेती करने के लिए मुहैया करा देते हैं.