पटना हाइकोर्ट के आदेश के बावजूद शुक्रवार को नगर निकायकर्मियों की सभी मांगों पर नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर के साथ सहमति नहीं बन पायी. इसके बाद बिहार लोकल बॉडीज कर्मचारी संघर्ष मोर्चा व बिहार स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के नेताओं की निकायकर्मियों के साथ हुई बैठक में हड़ताल जारी रखने का निर्णय लिया गया. बिहार लोकल बॉडीज कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश सिंह ने कहा कि हाइकोर्ट के आदेश पर निकाय कर्मियों की 11 सूत्री मांगों को लेकर हुई वार्ता में प्रधान सचिव ने पहले से सहमत बिंदुओं को भी मानने से इन्कार कर दिया. वार्ता के दौरान प्रधान सचिव ने कहा कि आपकी बातों को सुन लिया गया है. सरकार एक माह के बाद अपना निर्णय देगी.
हड़ताल खत्म नहीं होने से सफाईकर्मी काम पर नहीं लौटे. इससे घरों से कचरा कलेक्शन नहीं होने के साथ सड़कों पर से जमा कचरा का उठाव नहीं हुआ. हड़ताल का सातवें दिन जगह-जगह कचरा का ढेर जमा हो गया है. कचरे से निकलने वाले दुर्गंध से लोग परेशान है. नगर निकाय कर्मियों की हड़ताल के मुद्दे पर नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव शनिवार को संगठन के नेताओं से फिर वार्ता करेंगे. वार्ता में हड़ताल को समाप्त करने का अनुरोध किया जायेगा.
नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पाराशर ने बताया कि एक सितंबर को पटना नगर निगम के कर्मचारी संघ ने हड़ताल वापस लेने की बात कही. साथ ही सभी कर्मचारियों के काम पर लौटने की सहमति दी गयी. लेकिन, शुक्रवार को हड़ताली कर्मियों ने काम नहीं किया. बाकी सभी कर्मियों के काम में बाधा भी पहुंचायी. मौर्या लोक परिसर में नारेबाजी व धरना-प्रदर्शन किया गया. यह हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना है. प्रधान सचिव के साथ अपराह्न तीन बजे सौहार्दपूर्ण वातावरण में वार्ता हुई.