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बिहार में मंत्रियों के वेतन-भत्ता नियमावली में हुआ संशोधन, जानिए अब उन्हें हर महीने मिलेगा कितना पैसा

मुख्यमंत्री समेत अन्य मंत्रियों, राज्य मंत्री और उप मंत्री को 65 हजार रुपये प्रतिमाह का वेतन मान्य किया गया है जो विधानसभा या विधान परिषद के सदस्य नहीं है और मंत्री है उन्हें भी 65 हजार रुपये वेतन मिलेगा.

पटना. राज्य सरकार ने बिहार के मंत्री (वेतन एवं भत्ते) अधिनियम 2006 की धारा चार के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए मंत्रियों के वेतन एवं भत्ता नियमावली में संशोधन कर दिया है. सरकार के मंत्रियों को संशोधित प्रावधान के अनुसार अब प्रति महीने 65 हजार रुपये वेतन और 70 हजार रुपये क्षेत्रीय भत्ता प्राप्त होगा. हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में मंत्रियों के वेतन एवं भत्ता नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया था.

65 हजार रुपये प्रतिमाह का वेतन मान्य

विभाग के आदेश के अनुसार संशोधन के बाद मुख्यमंत्री समेत अन्य मंत्रियों, राज्य मंत्री और उप मंत्री को 65 हजार रुपये प्रतिमाह का वेतन मान्य किया गया है जो विधानसभा या विधान परिषद के सदस्य नहीं है और मंत्री है उन्हें भी 65 हजार रुपये वेतन मिलेगा. यह वेतन शपथ ग्रहण से सिर्फ छह महीने तक ही मान्य होगा. इसके अलावा मंत्रियों का क्षेत्रीय भत्ता 70 हजार रुपये किया गया है. दैनिक भत्ता की राशि तीन हजार से बढ़ाकर 35 सौ रुपये की गयी है.

आतिथ्य भत्ता का भी प्रावधान

वेतन एवं क्षेत्रीय भत्ता के अतिरिक्त मुख्यमंत्री और मंत्रियों के आतिथ्य भत्ता का प्रावधान भी किया गया है. इसके तहत मुख्यमंत्री को आतिथ्य भत्ता की राशि को 25 हजार प्रति माह से बढ़ाकर 30 हजार रुपये प्रति माह किया गया है. मंत्रियों को आतिथ्य भत्ता 20 हजार रुपये किया गया है.

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बिजली की बढ़ी हुई दरों से वूसली गयी राशि से होगी मंत्रियों के वेतन-भत्ता में वृद्धि : चिराग

लोजपा (रा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने बिहार सरकार के मंत्रियों के वेतन-भत्ता में 35 प्रतिशत की वृद्धि किए जाने पर तंज कसा. कहा- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी गरीबों की जेब से पैसा निकाल कर मंत्रियों के खाते में देना कैसा न्याय है? उन्होंने कहा कि बिजली आपूर्ति दर में 24.10 प्रतिशत की बढ़ोतरी इसलिए की गयी ताकि मंत्रियों के वेतन-भत्ते को बढाया जा सके. मंत्रियों के खाते में जो बढ़े हुए वेतन-भत्ते की जो रकम जाएगी असल में उसे जनता की जेब से जबरन निकाला जा रहा हैं. चिराग ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया है,’अच्छा ! अब पता चला कि बिजली के दरों में वृद्धि कर वसूला गया पैसा किसके खाते में जाएगा.

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