बिहार के विश्वविद्यालयों में एसोसिएट प्रोफेसर, प्रोफेसर और सीनियर प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति की जानी है. उच्च शिक्षा निदेशालय ने विश्वविद्यालयों को पत्र लिख कर संबंधित पदों के लिए रिक्तियों की जानकारी मांगी है. प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर की सीधी भर्ती प्रस्तावित है. सीनियर प्रोफेसर की नियुक्तियों प्रोन्नति के आधार पर की जायेंगी.
निदेशालय ने रिक्तियों का रोस्टर क्लियरेंस मांगा
जानकारों के मुताबिक निदेशालय से भेजे गए पत्र में सभी पदों के लिए निर्धारित रिक्तियों का रोस्टर क्लियरेंस करके भेजने के लिए कहा है. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर की नियुक्तियां की जिम्मेदारी बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयोग को दी गयी है.
वरिष्ठ प्रोफेसर्स की नियुक्ति प्रोन्नति से
दूसरी तरफ, सीनियर प्रोफेसर की नियुक्तियों का सवाल है, तो वह प्रोन्नति से की जानी हैं. इसके लिए कैरियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत योजना बनायी गयी है. 2022 की कैरियर एडवांसमेंट स्कीम में प्रोन्नति के लिए प्रक्रिया भी निर्धारित की गयी है. विशेषज्ञों के मुताबिक नयी कैरियर एडवांसमेंट स्कीम में 2018 में हुए प्रमोशन अप्रभावी रहेंगे. हालांकि वे सीनियर प्रोफेसर नहीं बन सकेंगे. अगर उन्हें सीनियर प्रोफेसर बनना है तो उन्हें नयी स्कीम के तहत प्रमोशन के लिए एक बार फिर आवेदन करना होगा. उन्हें अपनी अकादमिक क्षमताओं की फिर जांच करानी होगी.
तीन हजार से अधिक विश्वविद्यालयी शिक्षकों को प्रमोशन की प्रक्रिया से गुजरना होगा
फिलहाल प्रोन्नति से संबंधित प्रस्ताव कैबिनेट से पास होने के बाद प्रभावी किया जायेगा. उल्लेखनीय है कि इससे पहले बिहार में कैरियर एडवांसमेंट स्कीम 2018 प्रभावी थी. एक जानकारी के मुताबिक नये परिनियम से करीब तीन हजार से अधिक विश्वविद्यालयी शिक्षकों को प्रमोशन की प्रक्रिया से गुजरना होगा. उल्लेखनीय है कि नियम है कि चार सहायक प्राध्यापकों पर एक एसोसिएट प्रोफेसर बनता है. तीन एसोसिएट प्रोफेसर पर एक प्रोफेसर नियुक्त किये जाने है. इसके बाद वरिष्ठ प्रोफेसर नियुक्त किये जाते हैं.