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बिहार के स्कूलों में अब पढ़ाई जाएगी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, पीएमश्री योजना के तहत इन स्कूलों का हुआ चयन

बिहार के शिवहार जिले के दो स्कूलों में अब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की पढ़ाई होगी. यह स्कॉल हैं जवाहर नवोदय विद्यालय एवं केंद्रीय विद्यालय. इस स्कूलों का चयन पीएमश्री योजना के तहत किया गया. जिसके तहत इन्हें अत्याधुनिक बनाया जाएगा.

बिहार के बच्चों को अब राज्य में ही आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई की पढ़ाई पढ़ाई करने का मौका मिलेगा. इसके लिए शिवहर जिले के दो स्कूल केंद्रीय विद्यालय और जवाहर नवोदय विद्यालय का चयन किया गया है. दोनों स्कूलों को पीएम स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया यानी पीएमश्री योजना के तहत चुना गया है. जिसके बाद अब इन दोनों स्कूलों के बच्चे स्कूली पढ़ाई के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की शिक्षा भी प्राप्त करेंगे. पीएमश्री योजना के तहत चुने गए इन स्कूलों का विकास नई शिक्षा नीति के तहत होगा. इन स्कूलों को अपग्रेड करने के साथ- साथ मॉडर्न भी बनाया जाएगा.

अत्याधुनिक शिक्षा पर जोर

पीएमश्री योजना के तहत केंद्रीय विद्यालय और जवाहर नवोदय विद्यालय के चुने जाने से वहां के स्टाफ, शिक्षक और छात्र सभी खुश हैं. पीएमश्री में शामिल होने की वजह से अब बच्चों के शिक्षा का स्तर सुधरेगा और साथ ही उनका भविष्य भी उज्ज्वल होगा. आने वाले वक्त में देश के विकास में बच्चे अपनी भागीदारी दर्ज कर सकें इसलिए चुने गए स्कूलों के बच्चों के लिए भारत सरकार अत्याधुनिक शिक्षा पर जोर दे रही है.

बदल जाएगी स्कूलों की तस्वीर

केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति के तहत बच्चों की शिक्षा में सुधार तो होगा ही, साथ ही स्कूलों की तस्वीर भी बदल जाएगी. पीएमश्री योजना में चयनित होने की वजह से अब जवाहर नवोदय विद्यालय का भवन जो अभी आधा-अधूरा है वो भी पूरा हो जाएगा. साथ ही नामांकन के लिए सीटों का भी इजाफा होगा. बता दें कि जहां अन्य जवाहर नवोदय विद्यालय में कक्षा 6 में 80 बच्चों का नामांकन होता था. वहीं शिवहर स्थित नवोदय विद्यालय में सुविधाओं की कमी की वजह से 40 बच्चों का ही नामांकन हो पाता था. लेकिन पीएमश्री योजना के तहत चयनित होने की वजह से अब यह समस्या भी दूर हो जाएगी.

14,500 स्कूलों को पीएमश्री योजना से जोड़ने का प्रस्ताव

बता दें कि पीएमश्री योजना से देशभर में 14,500 स्कूलों को जोड़ने का प्रस्ताव है. इन स्कूलों को अगले पांच वर्षों में धीरे-धीरे जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. नई शिक्षा नीति के तहत स्कूलों में बेहतर व आधुनिक टेक्नोलॉजी, कला कक्ष, स्मार्ट क्लास, डिजिटल बोर्ड, खेल की सामग्री, तेज इंटरनेट कनेक्टिविटी, पानी के बचाव, वेस्ट री-साइकिल, एनर्जी एफिसिएंट जैसी सुविधा विकसित की जाएगी. इन स्कूलों को नई तकनीक से अपग्रेड कर ग्रीन स्कूल की तरह डेवेलप किया जाएगा. बच्चों को विज्ञान की बेहतर शिक्षा मिल सके इसके लिए बेहतर प्रयोगशाला का भी निर्माण कराया जाएगा.

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पीएमश्री योजना से स्कूलों को होने वाले फायदे

  • स्कूलों में नई शिक्षा नीति के तहत पढ़ाई होगी

  • स्कूलों को अपग्रेड किया जाएगा

  • स्कूलों को ग्रीन स्कूल में बदला जाएगा

  • बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर डेवेलप किया जाएगा

  • स्कूलों में मॉर्डन लेबोरेटरी की सुविधा दी जाएगी

  • बेहतर पढ़ाई के लिए स्मार्ट क्लास, डिजिटल बोर्ड, स्पोर्ट्स, इंटरनेट कनेक्टिविटी आदि की व्यवस्था की जाएगी

क्या है पीएमश्री योजना

पीएमश्री योजना के तहत देश भर के कई स्कूलों को अपग्रेड करने के साथ-साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू की जा रही है. इन सभी स्कूलों का चयन राज्य सरकार के साथ मिलकर किया जा रहा है और सभी स्कूल सरकारी होंगे. इस योजना के लागू होने से देश भर के करीब 18 लाख छात्रों को लाभ होगा. इस योजना की घोषणा पीएम मोदी ने शिक्षक दिवस के अवसर पर की थी. वहीं इस योजना के तहत स्कूलों के विकास और अपग्रेडेशन के लिए अगले पाँच वर्षों में लगभग 27630 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.

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आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस क्या है

आम भाषा में कहें तो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को मशीनों का दिमाग भी कहा जा सकता है. जिसकी मदद से कोई भी मशीन खुद से सोच-समझकर कोई भी निर्णय ले सकती है. यानि की आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से मशीनें भी इंसानों की तरह अपनी किसी भी समस्या का खुद से हल ढूंढ सकती है. आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस कंप्यूटर विज्ञान की ही एक शाखा है, जिसके तहत मशीनों में निर्णय लेने की क्षमता विकसित की जाती है. आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को हिन्दी में कृत्रिम बुद्धिमत्ता भी कहा जाता है, जिसका मतलब है मानव निर्मित समझ.

कब हुई आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की खोज

जॉन मैकारथी को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का फादर कहा जाता है. जॉन मैकारथी एक अमरीकी शोधकर्ता एवं कंप्यूटर वैज्ञानिक थे. इन्होंने ने ही 1956 में एक कार्यशाला के दौरान दुनिया को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के बारे में पहली बार बताया था. अमरीका के डार्टमाउथ कॉलेज में यह कार्यशाला आयोजित हुई थी. जहां उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के बारे में विस्तार से जानकारी दी थी.

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