दिल्ली में अधिकारियों के तबादला और नियुक्ति के विवाद को लेकर अब अरविन्द केजरीवाल को जदयू का साथ मिल गया है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बाद अब जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भी केजरीवाल के समर्थन में केंद्र सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली लोकतंत्र विरोधी सरकार ने अध्यादेश लाकर यह साबित कर दिया कि देश में अघोषित आपातकाल है और इसमें लोकतंत्र का कोई स्थान नहीं.
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने ट्वीट कर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा है कि सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ ने दिल्ली में जनता द्वारा चुनी गयी अरविंद केजरीवाल की सरकार के अधिकार को बहाल कर लोकतंत्र बहाल किया. दिल्ली की सरकार को लोकतांत्रिक अधिकार दिया और पर्दे के पीछे से लेफ़्टिनेंट गवर्नर के माध्यम से देश की सरकार के द्वारा किये जा रहे शासन पर रोक लगायी.
ललन सिंह ने आगे लिखा कि लेकिन प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली लोकतंत्र विरोधी सरकार ने अध्यादेश लाकर यह साबित कर दिया कि देश में अघोषित आपातकाल है और इसमें लोकतंत्र का कोई स्थान नहीं. साम, दाम, दंड का भरपूर इस्तेमाल कर किसी भी हालत में शासन करना है, लेकिन किसी को गलतफहमी नहीं होनी चाहिए. इस देश की जनता लोकतंत्र में विश्वास करती है और 2024 में लोकतंत्र स्थापित होगा, भाजपा मुक्त भारत होना तय है.
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वहीं इससे पहले दिल्ली में अरविन्द केजरीवाल से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि राज्य सरकार के काम करने के अधिकार को नहीं रोका जा सकता है. संविधान को देख लीजिए कि क्या अधिकार है. जब सरकार बनती है, तो उनको जो अधिकार दिया गया है, उसे कैसे हटा सकते हैं? उन्होंने इस मसले पर अरविंद केजरीवाल के समर्थन मांगने पर उन्हें साथ देने का भरोसा दिलाया है.