पटना. आइजीआइएमएस के सर्वर को बुधवार को हैक करने की कोशिश की गयी, जिससे सर्वर में वायरस चले जाने के कारण वह डाउन हो गया है. इसके बाद अस्पताल के कई काम बाधित हो गये. जहां ऑनलाइन काम तीन घंटे तक ठप रहा, वहीं, मरीजों को जांच से लेकर इलाज तक में घंटों इंतजार करना पड़ा. जानकारी अनुसार, बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे से यह परेशानी शुरू हुई. सर्वर डाउन होने से ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट से लेकर पैसा जमा करने व रजिस्ट्रेशन करने का काम, मरीजों को भर्ती करने का काम, ओपीडी रजिस्ट्रेशन, डिजिटल सर्विस, स्मार्ट लैब, बिलिंग और रिपोर्ट जेनरेशन के कामों में इसका असर देखने को मिल रहा है. करीब तीन घंटे तक यह परेशानी बनी रही.
लिंक फेल होने की वजह से अस्पताल प्रशासन ने वैकल्पिक व्यवस्था निकाली. ओपीडी में मरीजों की भीड़ को देखते हुए करीब तीन हजार मरीजों के पुर्जे हाथ से बनाये गये. दोपहर 12:30 बजे की तुलना में दो बजे तक मैनुअल रजिस्ट्रेशन का काम चलता रहा. मरीजों की मानें, तो सर्वर फेल हुआ, तो सबसे ज्यादा असर ओपीडी के रजिस्ट्रेशन पर पड़ा. क्योंकि सर्वर डाउन होने की वजह से सिस्टम के जरिए रजिस्ट्रेशन होना बंद हो गया.
शुरुआत में कंप्यूटर पर नेटवर्क नहीं आ रहा था, जिसकी वजह से मैनुअली काम किया गया. लेकिन काम की रफ्तार स्लो होने की वजह से रजिस्ट्रेशन काउंटर पर भीड़ बढ़ गयी. इलाज में भी देरी हुई और कुछ लोग समय पर ओपीडी नहीं पहुंच पाये. ऐसे में जिन मरीजों को अस्पताल से छुट्टी मिलने वाली थी, उन्हें भी परेशानी का सामना करना पड़ा. यहां इलाज के लिए पटना सहित पूरे बिहार के अलग-अलग जगहों से हजारों लोग यहां रोजाना आते हैं.
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आइजीआइएमएस के मेडिकल सुपरिटेंडेंट मनीष मंडल ने बताया कि अस्तपताल के सर्वर को हैक करने का प्रयास किया गया, जिससे सर्वर में वायरस चला गया. इससे सर्वर डाउन हो गया. हालांकि मरीजों को कोई दिक्कत नहीं हो, इसलिए रजिस्ट्रेशन से लेकर सभी कार्य मैनुअल तरीके से किये गये.अपने तय समय से डेढ़ घंटे अधिक समय तक रजिस्ट्रेशन और इलाज किया गया. टेक्निकल टीम को बुलाकर सर्वर को भी दुरुस्त करा लिया गया.