पटना जंक्शन स्टेशन रोड से अगर गुजरना है, तो आपको 500 मीटर के रास्ते को पार करने के लिए आपको एक घंटे का वक्त भी लग सकता है. जंक्शन गोलंबर के आसपास हर वक्त 5000 से 10000 ऑटो का जमावड़ा, निर्माण के कारण संकरी और बंद हुई सड़कें, सड़कों पर हजारों फुटपाथी दुकानदारों का अतिक्रमण और सबसे अधिक खराब ट्रैफिक व्यवस्था यात्रियों को हर रोज परेशान कर रही है. अब हालत ऐसी है कि अब पैदल चलने वाले यात्रियों को भी हर दिन परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. प्रभात खबर ने शनिवार को इसकी पड़ताल की. पढ़िए विशेष रिपोर्ट.
चिरैयाटांड़ पुल से लेकर जीपीओ तक की दूरी करीब एक किलोमीटर से भी कम है, लेकिन इसे पार करने में बाइक सवार को तो छोड़िए, पैदल यात्रियों को भी 15 से 20 मिनट लग जाते हैं. इस बीच कई सारे कट हैं, जिससे कब ऑटो निकल जाये, कोई नहीं जानता. ऑटो चालक पैसेंजर बैठाने के लिए बीच सड़क पर खड़े रहते हैं, पीछे से अन्य गाड़ियां हॉर्न मार रही थीं, लेकिन जब तक ऑटो चालक ने पैसेंजर को नहीं बैठाया, तब तक आगे नहीं बढ़ा.
स्टेशन रोड के जाम को संभालने के लिए ट्रैफिक पुलिस का पोस्ट बना हुआ है. इसके साथ-साथ ट्रैफिक एसआइ के साथ आठ ट्रैफिक सिपाही को भी तैनात किया गया है, इसके बावजूद ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ रही हैं. शनिवार को जब प्रभात खबर संवाददाता और फोटोग्राफर स्टेशन रोड पहुंचे, तो देखा कि पोस्ट के पास ट्रैफिक एसआइ और ट्रैफिक सिपाही बैठे थे. ऑटो चालक मनमाने तरीके से बीच सड़क पर ऑटो रोक पैसेंजर बैठा रहे थे. जाम लगते ही जब फोटोग्राफर ने कैमरा निकाल फोटो खींचना शुरू किया, तो यह देख ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने लाठी भांजना शुरू कर दिया. जब तक फोटोग्राफर फोटो लेता रहा, ट्रैफिक पुलिस एक्टिव रही, जब पुल से चढ़कर दुबारा स्टेशन रोड का हालत देखने पहुंचे, तो देखा कि सभी ट्रैफिक पुलिसकर्मी फिर से सुस्त हो गये.
पटना में हर जगह विभिन्न योजनाओं के तहत निर्माण कार्य चल रहा है. कई रास्ते बंद हो गये हैं और कई सड़कों की चौड़ाई कम हो गयी है. स्टेशन रोड पर निर्माण कार्य होने के कारण महावीर मंदिर के सामने एक फ्लैंक को कुछ दूर तक बंद कर दिया गया है और जीपीओ की ओर जाने वाले फ्लैंक को रॉड का डिवाइडर लगा दो फ्लैंक बना दिया गया है. इस कारण सड़कें छोटी हो गयी हैं, लेकिन इसके बावजूद फुटपाथी दुकानदारों ने दुकानें सजा दी. इसे न तो कोई देखने वाला है और न ही कोई रोकने वाला है.
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बीच सड़क पर ऑटो खड़ा कर पैसेंजर उठाना
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सड़कों के दोनों ओर ठेला-खोमचे वालों का कब्जा
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ट्रैफिक पुलिस तैनात, मगर कार्रवाई में सुस्ती
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स्टैंड है मगर बाहर लगाये रहते हैं ऑटो
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नगर निगम का नजरअंदाज करना
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स्टेशन से हर दिन खुलते हैं 10 हजार ऑटो
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स्टेशन रोड पर लगभग एक हजार फुटपाथी दुकानदार
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एक ट्रैफिक एसआइ के साथ आठ ट्रैफिक सिपाही
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एक किलोमीटर से भी कम दूरी तय करने में 20 से 25 मिनट
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सवाल : पटना जंक्शन के सामने की सूरत नहीं सुधर रही, हर दिन जाम लगता है?
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जवाब : जाम की स्थिति पहले से काफी सुधरी है, अब किसी की ट्रेन नहीं छूट सकती है. बस को डायवर्ट करने से जाम कम लगता है.
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सवाल : ट्रैफिक पुलिस तैनात, फिर भी क्यों लगता है जाम?
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जवाब : तीन शिफ्ट में ट्रैफिक पुलिस को तैनात किया गया है. हर शिफ्ट में एक एसआइ के साथ आठ ट्रैफिक सिपाही हैं. सभी को निर्देश दिया गया है कि किसी भी परिस्थिति में जाम नहीं लगने देना है.
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सवाल : बीच सड़क पर ऑटो लगा पैसेंजर उठाते हैं, इसे कैसे सुधारा जाये?
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जवाब : बीच सड़क पर ऑटो लगा कर पैसेंजर उठाने वालों को पहले समझाया जाता है, फिर भी नहीं सुधरने पर संबंधित चालक पर कार्रवाई की जाती है.
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सवाल : वेंडरों ने भी सड़क पर अतिक्रमण कर लिया है, इसके लिए क्या करेंगे?
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जवाब : स्टेशन रोड पर सबसे अधिक फुटपाथी दुकानों का अतिक्रमण है. इस वजह से रास्ते छोटे हो जा रहे हैं और जाम लगने की यह भी एक वजह है. इसको लेकर भी ठोस कदम उठाया जायेगा.