बिहार में मॉनसून के दौरान बाढ़ प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ (NDRF) और एसडीआरएफ (SDRF) की टीम को राहत-बचाव में तैनात किया जाता है. इस वर्ष बाढ़ से प्रभावित लोगों की संख्या न के बराबर है. लेकिन वज्रपात से हर दिन कहीं ना कहीं किसी की मौत हो रही है. इस बढ़ती प्राकृतिक आपदा से लोगों को बचाने के लिए विभिन्न जिलों में तैनात एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के जवानों को वज्रपात से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने का टास्क दिया गया है. इस संबंध में आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से सभी जिलों में तैनात जवानों को दिशा-निर्देश दिया गया है.
राज्य में स्कूल सेफ्टी कार्यक्रम के तहत स्कूली बच्चों को वज्रपात से बचाव की जानकारी देने के लिए टीम ग्रामीण स्कूलों में हर दिन पहुंच रही है. स्कूलों में बच्चों को वज्रपात का कारण, खुद को और दूसरे को कैसे बचाये, इस संबंध में ऑडिओ और वीडियो दिखलाया जा रहा है. ताकि बच्चे वज्रपात को लेकर जागरूक हो सके.
बाढ़ प्रभावित इलाकों में तैनात एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की 21 टीमों में शामिल सभी जवानों को इंद्रवज्र एप डाउनलोड करने का निर्देश दिया गया है. वहीं, लोगों को जागरूक करने के दौरान जिनके पास स्मार्ट फोन है, उनके मोबाइल में भी इस एप को डाउनलोड कराया जायेगा. जिन लोगों के पास स्मार्ट फोन नहीं होगा उन्हें इस इंद्रवज्र एप के संबंध में जानकारी दी जाएगी और इसके फायदे के बारे में भी समझाया जाएगा.
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एनडीआरएफ (NDRF) और एसडीआरएफ (SDRF) के फील्ड में तैनात जवाब के मोबाइल पर जैसे ही वज्रपात या मौसम खराब होने का अलर्ट का मैसेज आयेगा. वह तुरंत आसपास के लोगों को अलर्ट करेंगे. नदी किनारे, नाव चालक, खेत में काम करने वाले या बाहर निकले लोगों को वज्रपात की जानकारी देंगे. ताकि लोगों को वज्रपात से कम से कम नुकसान हो सकें.