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बिहार में पीएम आवास योजना का बुरा हाल, पटना में 4152 घरों का काम अधूरा, 227 लोगों को नहीं मिली पहली किश्त

घरों के निर्माण को लेकर चयनित 227 लाभुकों को पहली किस्त की राशि भी नहीं मिली है.जिला प्रशासन की ओर से चयनित लाभुकों के बीच पहली किस्त की राशि देने के लिए आधार का सत्यापन करा कर बैंक से पेमेंट दिलाने की प्रक्रिया की जा रही है.

पटना. पटना जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत बननेवाले बचे हुए 4152 घरों का निर्माण अधूरा रह गया है. इसमें सबसे अधिक दानापुर में 918, मनेर में 457, नौबतपुर में 250 घरों का निर्माण काम बचा है. घरों के निर्माण को लेकर चयनित 227 लाभुकों को पहली किस्त की राशि भी नहीं मिली है.जिला प्रशासन की ओर से चयनित लाभुकों के बीच पहली किस्त की राशि देने के लिए आधार का सत्यापन करा कर बैंक से पेमेंट दिलाने की प्रक्रिया की जा रही है.

3925 लाभुकों को पहली किस्त के रूप में 40-40 हजार भुगतान

आधिकारिक सूत्र ने बताया कि बचे हुए आवास में 4152 लाभुकों में से 3925 लाभुकों को पहली किस्त के रूप में 40-40 हजार भुगतान हो गया है. 3925 लाभुकों में से 1171 लाभुकों को दूसरे किस्त की राशि का भुगतान हो गया है. जिले में वित्तीय वर्ष 2016 -17 से 2021 -2022 तक प्रक्रिया पूर्ण कर कुल 136969 लाभुकों को आवास की स्वीकृति प्रदान की गयी थी . इसमें कुल 132817 आवास पूर्ण कर लिया गया है. बचे हुए लाभुकों के घर का निर्माण सितंबर तक पूरा हो जाये इसके लिए आवास सहायकों को निर्देश दिया गया है. इसे सितंबर तक पूरा होने की संभावना है.

बची हुई राशि के भुगतान में तेजी

घरों के निर्माण के लिए लाभुकों को बची हुई किस्त की राशि के भुगतान की प्रक्रिया में तेजी लायी गयी है. बचे हुए घरों के निर्माण की स्थिति देख कर राशि भुगतान होना है. इसके लिए आवास सहायकों को सभी प्रखंडों में निरीक्षण कर रिपोर्ट करना है.रिपोर्ट के आधार पर लाभुकों को किस्त की राशि का भुगतान किया जा रहा है. आधिकारिक सूत्र ने बताया कि घरों का निर्माण शुरू करने के लिए पहली किस्त में 40 हजार राशि मिलती है. प्लींथ तैयार होने के बाद दूसरी व छत ढालने के लिए तीसरी किस्त की राशि दी जाती है.सूत्र ने बताया कि 1754 लाभुकों को दूसरी किश्त की राशि के लिए 70.16 करोड़ राशि का भुगतान होना है. वहीं 227 लाभुकों को पहली किस्त के लिए 90.80 लाख दिया जायेगा. लाभुकों को घर बनाने के लिए तीन किश्तों में 1.20 लाख रुपये भुगतान होता है.

लाभुकों की वजह से राशि भुगतान में देरी

सूत्र ने बताया कि लाभुकों की वजह से भी राशि भुगतान में देरी हो रही है. चयनित लाभुकों के बाहर में रोजगार करने की वजह से आधार का सत्यापन नहीं होने पर राशि भुगतान में देरी होती है. पहली या दूसरी किस्त की राशि प्राप्त करनेवाले लाभुक की असामायिक मृत्यु होने पर उनके परिजन बची हुई किस्त लेने में आनाकानी करते हैं. उनकी मंशा नये आवास की पूरी राशि लेने की होने की वजह से पुराने घरों का निर्माण अधूरा रहता है. ऐसे लोगों पर दबाव बनाया जा रहा है.

प्रखंड- आवास स्वीकृत- आवास पेंडिंग

  • अथमलगोला- 3590- 87

  • बख्तियारपुर- 7795-73

  • बाढ़- 5708-149

  • बिहटा- 6298-203

  • बेलछी- 2206-14

  • बिक्रम- 4389-194

  • दानापुर- 7285-918

  • दनियावां- 2004-75

  • धनरूआ- 14461-220

  • दुल्हिन बाजार- 7745- 183

  • फतुहा- 5138- 173

  • घोसवरी- 3123-92

  • खुसरूपुर- 5201-104

  • मनेर- 13008- 457

  • मसौढ़ी- 9848-237

  • मोकामा-4758-115

  • पालीगंज-7372-148

  • नौबतपुर- 8488-250

  • पंडारक- 8502-135

  • पटना सदर- 1014-53

  • फुलवारी- 2133-75

  • पुनपुन-5054-147

  • संपतचक-1849-50

लोगों ने अपने आवास का निर्माण कार्य नहीं कराया पूर्ण

पूर्व में लोगों को किस्त उपलब्ध कराने के बाद, आवासों को पूर्ण कराने के लिए प्रशासनिक स्तर पर बार-बार निर्देश दिए गए. इसक बाद भी कई आवासों के नींव स्तर तक का भी निर्माण कार्य नहीं हुआ है. इसी प्रकार दूसरी व तीसरी किस्त की राशि का उठाव करने के बावजूद भी लोगों ने अपने आवास का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं कराया है. ग्रामीण विकास विभाग के आंकड़े बताते हैं कि वर्तमान समय में करीब पांच हजार लोगों का पुराने इंदिरा आवासों का निर्माण कार्य लंबित है.

लाभुकों को भेजा जा रहा सफेद व लाल नोटिस

इधर, इंदिरा आवास योजना में राशि प्राप्त करने के बाद भी आवास निर्माण का कार्य पूर्ण नहीं कराने वाले लाभुकों के खिलाफ प्रशासनिक स्तर पर सख्ती बढ़ा दी गई है. बिहार में वर्तमान समय में पुराने इंदिरा आवास योजना का स्वरूप बदल गया है. नयी व्यवस्था के तहत अब प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के नाम पर लोगों को आवास का पैसा मिल रहा है. प्रशासनिक स्तर पर लाभुकों से राशि वसूली की कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है. इसके लिए लाभुकों को चिह्नित करने के बाद उन्हें सफेद व लाल नोटिस भेजा जा रहा है. अब तक इस कार्रवाई में गोपालगंज जिले के आठ प्रखंडों के करीब 1982 लाभुकों को अंतिम नोटिस व 2414 लाभुकों को सफेद नोटिस जारी किया गया है. प्रशासनिक स्तर पर दोनों नोटिस जारी कराने के बाद भी आवास निर्माण नहीं कराने वाले 22 लाभुकों के विरुद्ध नीलाम पत्र वाद दाखिल किया गया है.

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