पटना के नौबतपुर के तरेत पाली मठ में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री हनुमंत कथा सुना रहे हैं. बागेश्वर बाबा के दर्शन के लिए लोगों में काफी जुनून दिख रहा है. बाबा के दिव्य दरबार और हनुमंत कथा में इतनी भीड़ उमड़ रही है कि पांव रखने तक की जगह नहीं है. पटना के जिस होटल में बाबा रुके हैं वहां बस इसी आस में 24 घंटे भक्तों का जमावड़ा लगा रहता कि बाबा के दर्शन हो जाएं. तरेत पालि मठ में हो रहे बाबा के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सिर्फ पटना या बिहार से ही नहीं बल्कि आस पास के राज्यों से भी भक्तों की भीड़ आई है. लोग बाबा से मिलने को बेकाबू है. वहीं सोमवार को धीरेंद्र शास्त्री ने एक दिव्यांग की प्रार्थना को सुन अपना काफिला बीच सड़क पर रुकवा दिया. इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है.
बाबा धीरेंद्र शास्त्री जब मंगलवार को अपने होटल से कार्यक्रम स्थल नौबतपुर तरेत पालि मठ के लिए निकले उसी दौरान रास्ते में यह वाकया हुआ. बाबा अपने बड़े से गाड़ियों के काफिले के साथ नौबतपुर जा रहे थे तभी रास्ते में पटना एम्स से कुछ आगे नौबतपुर जाने वाले रोड पर सड़क किनारे एक व्यक्ति व्हील चेयर पर बैठ कड़ी धूप में बाबा का इंतजार कर रहा था. इसी दौरान उस व्यक्ति के पास से बाबा का काफिला गुजरने लगता है. यह देख वह दिव्यांग व्यक्ति बाबा-बाबा चिल्लाने लगता है. जब धीरेंद्र शास्त्री की नजर उस व्यक्ति पर पड़ती है तो वो अपनी गाड़ी रुकवा देते हैं.
ये करुणा है कृपा है…जहाँ लाखों लोग पूज्य सरकार से मिलने के लिए लालायित रहते है एक दिव्यांग के मन से किए हुए प्रार्थना को सुन लिया…बीच सड़क पर क़ाफ़िला रोक कर आशीर्वाद दिया और दिव्यांग भाई की मनोकामना पूरी की…तभी तो हम बागेश्वर के पागल कहते है हमारे सरकार जैसा कोई नहीं… pic.twitter.com/Y2V6xWjx2I
— Bageshwar Dham Sarkar (Official) (@bageshwardham) May 16, 2023
वीडियो में देखा जा सकता है कि बाबा ने उस दिव्यांग व्यक्ति के पास अपनी गाड़ी रुकवाई है जो कि एक व्हील चेयर पर बैठा है, और उस व्हील चेयर को सेना का ड्रेस पहले एक व्यक्ति ने पकड़ रखा है. धीरेंद्र शास्त्री की गाड़ी जब उस व्यक्ति के पास पहुंची तो बाबा ने अपना हाथ उस दिव्यांग व्यक्ति की ओर बढ़ाया और भेंट में उसके हाथों में उसे एक फूल दिया. इस दौरान व्हील चेयर पकड़े हुए व्यक्ति को बाबा ने कहा कि वो दिव्यांग व्यक्ति को अपने साथ लेकर बागेश्वर धाम आए. इसके बाद बाबा का काफिला अपने गंतव्य की ओर आगे बढ़ गया.