राज्य में एक अक्तूबर से बालू खनन की नयी व्यवस्था लागू होगी. इसके तहत राज्य सरकार की तरफ से राजस्व की नयी दर निर्धारित की जा सकती है. अब तक निर्धारित दर सितंबर तक लागू है. इसके साथ ही कुछ जिलों के बालू घाटों की नये सिरे से बंदोबस्ती की जायेगी. इसके लिए खान एवं भूतत्व विभाग की तैयारी आरंभ हो गयी है. कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे लागू किया जायेगा.
पहले से बंदोबस्त किये गये करीब 300 नदी घाटों के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति मिलने का इंतजार है. इसे मिलते ही बंदोबस्त धारियों को जिम्मेदारी दी जा सकती है. पर्यावरणीय स्वीकृति के संबंध में खान एवं भूतत्व विभाग के मसौदे को राज्य कैबिनेट से भी मंजूरी मिलने की संभावना है.
सूत्रों के अनुसार एक जुलाई से 30 सितंबर तक नदियों में बालू खनन बंद रहेगा. इस तीन महीने के दौरान बालू की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए खान एवं भूतत्व विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है. नदी घाटों के बंदोबस्तधारियों और लाइसेंसधारी खुदरा बालू बिक्रेताओं को करीब 25 करोड़ सीएफटी बालू का भंडारण 30 जून तक करने का लक्ष्य दिया है. इसके साथ ही अवैध बालू खनन,ढुलाई और भंडारण के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है.
राज्य में प्रत्येक महीने करीब पांच करोड़ सीएफटी बालू की खपत होती है. ऐसे में तीन महीने के दौरान करीब 15 करोड़ सीएफटी बालू की जरूरत है. इस समय राज्य के लाइसेंसधारी खुदरा बिक्रेताओं के पास करीब 15 करोड़ सीएफटी बालू उपलब्ध है. इसके साथ ही नदी घाटों के बंदोबस्तधारियों को नदी किनारे से 300 मीटर की दूरी पर बालू का भंडारण करने का निर्देश दिया गया है.
उन के माध्यम से करीब 10 करोड़ सीएफटी बालू जमा हो जाने का अनुमान है. हालांकि कुल बालू भंडारण की जांच खान एवं भूतत्व विभाग के अधिकारी 30 जून के बाद करेंगे और इसकी रिपोर्ट देंगे. इसके बाद कुल बालू भंडारण की जानकारी मिल सकेगी.
Posted By: Thakur Shaktilochan