बिहार में हाल में हुए बम ब्लास्ट मामले पर अब राजनीति तेज हो चुकी है. वहीं एनडीए के अंदर इसे लेकर एकमत नहीं दिख रहा है. राज्य में एक साथ खड़ी जदयू और भाजपा के नेता बम ब्लास्ट में एक दूसरे की बयानबाजी को ही काट रहे हैं. एक तरफ जहां भाजपा बम ब्लास्ट मामले के जरिये बिहार के मदरसे और उसका संचालन कर रहे मौलाना व धर्मगुरूओं को निशाने पर ले रही है वहीं गठबंधन में उसके साथ खड़ी जदयू इस मामले को सांप्रदायिक रंग देने से बच रही है. भाजपा और जदयू के नेताओं के बयान दो अलग-अलग छोर पर दिख रहे हैं.
भाजपा सांसद अजय निषाद ने हाल में ही बिहार के बांका और दरभंगा में हुए बम ब्लास्ट मामले पर बोले. न्यूज चैनल में इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बिहार के मदरसों पर सवालिया निशान लगाए. भाजपा सांसद ने बिहार में चल रहे मदरसों और उसे संचालित कर रहे मौलाना और धर्मगुरूओं पर हमला किया. उन्होंने मौलाना को ही सारे फसाद का जड़ करार दिया था. कहा कि मदरसे में युवाओं को गुमराह करने की शिक्षा दी जाती है. आतंकी गतिविधी में कई मदरसों की भूमिका संदिग्ध रही है. पुलिस को हर मदरसे की जांच करनी चाहिए.
वहीं भाजपा सांसद अजय निषाद के इस बयान के बाद सूबे की राजनीति तेज हो गई. इसमें जदयू ने अपना स्टेंड भाजपा से बिल्कुल अलग रखा. यहां तक की भाजपा नेता के इस बयान पर आपत्ति भी जताई है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जदयू के राष्ट्रीय संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि हर किसी को धर्म की पढ़ाई करने की आजादी है. वहीं अजय निषाद के बयान को उन्होंने गैर संवैधानिक करार दिया. मदरसों की पढ़ाई पर प्रश्नचिन्ह लगाने को उन्होंने गलत बताया.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जदयू विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी ने यहां तक कह दिया कि जिन्होंने कभी मदरसे की पढ़ाई नहीं देखी, मदरसे का इतिहास नहीं पढ़ा हो, वह क्या जाने कि वहां क्या पढाई होती है. बिना नाम लिये उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने देश की आजादी में भाग नहीं लिया वे मदरसे के इतिहास के बारे में क्या जानेंगे. गौरतलब है कि हाल में बांका के एक मदरसे में बम ब्लास्ट होने के कारण पूरा मदरसा जमींदोज हो गया था और मौलाना की मौत हो गयी थी. जांच में पता चला कि मदरसे के अंदर भारी संख्या में बम छिपाकर रखा गया था.
Posted By: Thakur Shaktilochan