पटना के बड़े-बड़े बाजारों के पास फुटपाथी दुकानदारों का कब्जा है और बाकी की बची सड़क पर अवैध पार्किंग जाम का कारण बन गयी है. प्रभात खबर ने बुधवार को बारी पथ यानी हथुआ मार्केट के पास से बाकरगंज होते गांधी मैदान तक की पड़ताल की. डेढ़ किमी की दूरी तय करने में संवाददाता और फोटोग्राफर को 45 मिनट का समय लग गया. एक तो तेज गर्मी ऊपर से भीषण जाम में फंसे लोगों को काफी फजीहत का सामना करना पड़ रहा था. बारी पथ के हथुआ मार्केट के पास से बाकरगंज होते हुए गांधी मैदान तक तीन हजार से अधिक फुटपाथी दुकानदार थे. सड़क की दोनों ओर फुटपाथी दुकानदारों के होने से सड़क की चौड़ाई काफी कम हो गयी थी.
पड़ताल के दौरान यह देखने को मिला कि बारी पथ पर बड़ी दुकानों को छोड़ अन्य सभी दुकानों की अपनी पार्किंग की व्यवस्था नहीं है. नतीजा यह है कि दुकान के स्टाफ के साथ-साथ खरीदारी करने वालों के वाहन सड़कों पर ही लगे रहते हैं. अवैध पार्किंग की वजह से पूरे बारी पथ से लेकर बाकरगंज तक सड़क की दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लगी रहती है, जिसके कारण ऑटो व बड़े वाहनों के आने-जाने में बहुत परेशानी होती है.
हालत तो उस वक्त और खराब हो जाती है, जब स्कूल की छुट्टी होती है. जिस वक्त संवाददाता और फोटोग्राफर पड़ताल कर रहे थे, उसी समय स्कूल की छुट्टी होने वाली थी. जाम में फंसे होने के दौरान एक ट्रैफिक सिपाही से जब पूछा कि इतना जाम क्यों लगता है, तो उसने कहा कि अभी स्कूल की छुट्टी तो होने दीजिए सर…यह तो कुछ भी नहीं है. ट्रैफिक सिपाही ने यह भी कहा कि नाला रोड के रास्ते दलदली होते ही गांधी मैदान निकल जाइए. गांधी मैदान पहुंचने में आधा घंटा लग जायेगा.
नगर निगम के द्वारा समय-समय पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाकर सड़कों पर अवैध रूप से कब्जा किये हुए फुटपाथी दुकानदारों को हटाया जाता है, लेकिन महज अभियान में शामिल टीम के जाते ही फिर से उसी तरह दुकानें सज जाती हैं. जाम में फंसे एक पुलिसकर्मी ने बातचीत के दौरान बताया कि अभियान चलाने के बाद दोबारा जांच नहीं की जाती है. इस वजह से फिर से दुकानें सज जाती हैं.
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गांधी मैदान के थानाध्यक्ष अशोक कुमार ने बताया कि सड़क पर लगी गाड़ियों पर लगातार कार्रवाई की जाती है. गाड़ी मालिक से जुर्माना वसूला जाता है. दुकानदारों को भी समझना होगा कि वह अपनी दुकान के पास कोई भी वाहन पार्क न होने दें.