राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने बिहार विशेष सर्वेक्षण के लिए सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, कानूनगो, अमीन और लिपिक की बहाली की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव कर दिया है. संविदा के इन पदों पर नियुक्ति की जिम्मेवारी अब बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद को दी गयी है. पर्षद प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर चयन करेगा. अभी तक मेरिट के आधार पर बहाली हो रही थी. इस बदलाव के साथ ही सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, कानूनगो, अमीन और लिपिक के 10101 पदों पर होने वाली बहाली का जिम्मा बीसीईसीई को सौंप दिया गया है. बीसीईसीई बहाली नये सिरे से विज्ञापन जारी करेगा.
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री आलोक मेहता ने कहा कि सरकार के इस कदम से पारदर्शिता सुनिश्चित होगी. बेस्ट टैलेंट को सरकारी नौकरी में आने का मौका मिलेगा. चयन में पक्षपात की गुंजाइश भी समाप्त हो जायेगी. बिहार विशेष सर्वेक्षण के लिए संविदा आधारित सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, कानूनगो, अमीन एवं लिपिक के पदो पर 2019 में वेकेंसी निकली थी. उसके लिए बने नियमावली के मुताबिक सिर्फ अंकों के आधार पर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा 2020 में नियुक्ति की गई थी. 2019 की उस नियमावली के आधार पर चयनित करीब 4.5 हज़ार कर्मी फिलहाल 20 जिलों में सर्वे कार्य में लगे हैं.
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मंत्री का कहना था कि बाद में पाया गया कि कई कर्मी फर्जी डिग्री के आधार पर चयनित हो गए हैं. कई को नौकरी से निदेशालय द्वारा निकाला भी जा चुका है. इस साल फिर से 10101 पदों पर अक्टूबर माह में विज्ञापन निकाला गया था, लेकिन पारदर्शिता के मद्देनजर प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर चयन का निर्णय लिया गया है. कैबिनेट से नई नियमावली पारित हो चुकी है. पहले सिर्फ अधिक नंबर वाले का ही चयन होता था, अब फेयर कंपटीशन के आधार पर चयन होगा. नई नियुक्ति के लिए बीसीईसीई को प्राधिकृत किया गया है. पहले जो आवेदन मंगाया गया था उसमें आवेदकों से कोई शुल्क नहीं लिया गया था.