बिहार में निवेश को बढ़ावा देने के लिए उद्योग विभाग औद्योगिक भूमि प्रबंधन से जुड़ी तीन नयी पॉलिसी लेकर आ रहा है. प्रस्तावित तीनों पॉलिसियों में सबसे अहम बियाडा की प्रस्तावित लैंड अलॉटमेंट पॉलिसी है. इसके तहत बियाडा अपनी पुरानी जमीनों की कीमतों में 40 से 50 फीसदी तक की कमी करने जा रहा है. प्रस्तावित पॉलिसी के तहत निवेशकों को अब जमीन पाने के लिए अपने निवेश की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट पहले सौंपनी होगी.
जमीन की रेट में कमी करके बियाडा एक तरफ नये निवेशकों को लुभाने जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ जमीन की कीमतों में कमी आने से वह निवेशकों को झटका देने जा रहा है, जो औद्योगिक जमीन पर अभी तक बिना उत्पादन किये केवल इसलिए काबिज है कि जब जमीन महंगी होगी, तो उसे मुनाफे के सौदे के तहत सरेंडर करेंगे.जमीन की दर कम हो जाने से बेमतलब में जमे ऐसे निवेशकों को जमीन रोक कर रखना घाटे का सौदा होगा.
निवेशकों को सर्किल रेट पर मिलेगी औद्योगिक जमीन
प्रस्तावित नयी अलॉटमेंट नीति के तहत बियाडा केवल गंभीर निवेशकों को ही जमीन आवंटित करेगा. वह निवेशक को तभी जमीन मुहैया करायेगा, जब वह अपनी डीपीआर विभाग को सौंपेंगे. इसके अलावा उद्योग विभाग प्राइवेट लैंड परचेज पॉलिसी लेकर भी आ रहा है. वह निवेशकों को सर्किल रेट पर औद्योगिक जमीन मुहैया कराने जा रहा है.
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इस पॉलिसी का लाभ उठाने के लिए निवेशक को कम -से -कम 50 एकड़ जमीन खरीदनी होगी. इसमें निवेशकों को जरूरी छूट दी जा सकती है. तीसरी और सबसे अहम पॉलिसी वन टाइम सेटलमेंट से जुड़ी है. इसके तहत उद्योग विभाग ऐसे औद्योगिक निवेशकों को जमीन सरेंडर करने के आसान और बेहतर विकल्प देने जा रहा है. औद्योगिक यूनिट के क्षेत्र में जमीन का एक्सटेंशन कुछ शुल्क लेकर कराया जा सकता है.
निवेशकों को मिलेगी सस्ती जमीन
उद्योग विभाग अपर मुख्य सचिव बृजेश मेहरोत्रा ने कहा कि औद्योगिक भूमि प्रबंधन के लिए तीन नयी पॉलिसी बनायी जा रही है. सरकार निवेश को आकर्षित करने के लिए जमीन सस्ती करने पर विचार कर रही है. दरअसल सरकार चाहती है कि निवेशकों को सस्ती जमीन मिले. वहीं वन टाइम सेटलमेंट और प्राइवेट लैंड परचेज पॉलिसी के जरिये उद्योगों के लिए आसानी से मुहैया कराने की रणनीति पर विचार चल रहा है.
Posted by: Radheshyam Kushwaha