बिहार की सत्ताधारी जेडीयू को मणिपुर में बड़ा झटका लगा है. मणिपुर के जदयू के पांच विधायक शुक्रवार को सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो गये. मणिपुर विधानसभा के सचिव के मेघजीत सिंह द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि अध्यक्ष ने संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत जदयू के पांच विधायकों के भाजपा में विलय को स्वीकार करते हुए प्रसन्नता जतायी है. जदयू ने इस साल मार्च में विधानसभा चुनाव में 38 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें से छह ने जीत दर्ज की थी. भाजपा में शामिल होने वाले जदयू विधायकों में केएच जॉयकिशन, एन सनाते, मोहम्मद अछबउद्दीन, पूर्व पुलिस महानिदेशक एएम खाउटे और थांगजाम अरुण कुमार शामिल हैं. खाउटे और अरुण कुमार ने विधानसभा चुनाव में भाजपा से टिकट की मांग की थी, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिलने पर दोनों जदयू में शामिल हो गये थे.
पिछले 24 अगस्त को अरुणाचल प्रदेश के एकमात्र जदयू विधायक तेकी कासो भाजपा में शामिल हो गये थे. 2019 में अरुणाचल विधानसभा चुनाव में जदयू के सात प्रत्याशी जीते थे, जिनमें से छह पहले ही भाजपा में शामिल हो चुके थे. बता दें कि सीएम नीतीश कुमार जहां जदयू को दूसरे राज्यों में मजबूत करने में जुटे है. इसी बीच मणिपुर में पार्टी के पांच विधायक अलग होकर भारतीय जनता पार्टी के साथ चले गए हैं. पूरा घटनाक्रम तब हुआ जब 3 और 4 सितंबर को जेडीयू नेशनल काउंसिल की बैठक होने जा रही है. जिसमें बिहार के सीएम नीतीश कुमार और जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह भी शामिल होंगे.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी, राष्ट्रीय परिषद, राज्य कार्यकारिणी और राज्य पदाधिकारियों की बैठकों की तैयारियों का प्रदेश मुख्यालय पहुंच कर जायजा लिया. साथ ही आवश्यक निर्देश दिये. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने मुख्यमंत्री को बैठक के बारे में की गयी तैयारियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी. बतादें कि शनिवार अपराह्न तीन बजे से 21 सदस्यीय राष्ट्रीय पदाधिकारियों और अपराह्न साढ़े तीन बजे से 110 सदस्यीय जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी. शनिवार को सुबह 11 बजे से 250 सदस्यीय राष्ट्रीय परिषद की बैठक होगी. इन सभी बैठकों में 26 प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेशों के जदयू नेता शामिल होंगे.