Bihar Election 2020 : भाजपा के नेता और सोनबरसा के पूर्व विधायक किशोर कुमार ने अपने अलावा पूर्व विधायक संजीव झा, लाजवंती झा को टिकट नहीं देने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल को पत्र लिखा है. बिहार चुनाव 2020 से जुड़ी हर खबर के लिये बने रहिये prabhatkhabar.com पर
उन्होंने लिखा है कि उनके जैसे वरिष्ठ कार्यकर्ता के मन में यह सवाल उठता रहता है कि वह कौन-सी ताकत है, जो जनता के बीच के सर्वेक्षण को बदल कर ऊपर से उम्मीदवार की नियुक्ति करवा देता है. उन्होंने यह भी लिखा है कि जब आपको टिकट नहीं देना था, तो समय रहते इस बारे में संवाद करते.
उम्मीदवार नियुक्त करने से पहले और उसके बाद भी भरोसे में लेते. पार्टी ने सभी स्तरों पर चुनाव लड़ायेंगे कहकर संवाद तक करना उचित नहीं समझा. उन्होंने सहरसा के पूर्व विधायक संजीव झा पारस अस्पताल में मौत से लड़ाई लड़ रहे हैं. जैसे मुझे पार्टी ने सदैव चुनाव लड़ने के लिए तैयारी करने के लिए कहा वैसे ही संजीव भी चुनावी तैयारी कर रहे थे.
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मुझे भी कभी कुछ आपके या किसी स्तर पर नहीं बताया गया. पत्र में लिखा है कि पार्टी ने जब जो कहा, बिना सवाल किये उसको स्वीकार किया. बिहार विधानसभा चुनाव 2015 में भी वे अपने गृह क्षेत्र से ही लड़ना चाहते थे, लेकिन शाहनवाज हुसैन ने अंतिम समय में इंकार करने पर दवाब देकर बलि का बकरा बना कर सुपौल चुनाव लड़ने के लिए भेज दिया गया.
स्थानीय कार्यकर्ताओं को अपने व्यक्तिगत परिचय के आधार पर मिलाकर संघर्ष किया था और 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को जितना मत प्राप्त हुआ था, उससे तीन गुना मत प्राप्त करके सम्मानजनक स्थिति में पार्टी को लेकर आया था.
पार्टी ने उसके बाद हमेशा चुनाव लड़वाने का आश्वासन दिया है. परंतु कोशी क्षेत्र में सिर्फ दो सीटें लेकर क्षेत्र के सभी कार्यकर्ताओं के जी-तोड़ मेहनत का मजाक उड़ाया गया. उन्होंने अपने पत्र की प्रतिलिपि प्रधानमंत्री, राष्ट्रीय अध्यक्ष, गृह मंत्री अमित शाह, डिप्टी सीएम समेत अन्य को भी भेजा है.
इधर बगहा से भाजपा से बेटिकट होने के बाद विधायक राघव शरण पांडेय ने गुरुवार को कहा कि वह अपने क्षेत्र के विकास में लगे हुए थे. पुल-पुलिया बनवा रहे थे और इधर चक्रव्यूह रचकर मेरा टिकट काट दिया गया. फेसबुक लाइव के जरिये उन्होंने कहा कि वह चुप नहीं बैठेंगे. चक्रव्यूह को तोड़ने के लिए लड़ाई लड़ेंगे. केंद्र सरकार के सचिव स्तर के पदाधिकारी रह चुुके पांडेय ने कहा कि पार्टी बताये कि उनका टिकट क्यों काटा गया.
मेरे खिलाफ कोई आरोप नहीं है. 40 वर्षों तक लोक सेवक के उत्कृष्ट कार्यों के बाद जनसेवक बना था. काम भी खूब किया. इसको लेकर मैं खुद को मैं आदर्श विधायक समझता था. फिर भी मेरा ही टिकट काट दिया. वह एक-दो दिनों में अपनी अगली रणनीति की घोषणा करेंगे.
Posted by Ashish Jha