पटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा है कि बिहार में विधानसभा के चुनाव समय पर कराने के लिए चुनाव आयोग ने जिस प्रबल प्रशासनिक इच्छाशक्ति से काम लिया और जितनी व्यापक तैयारी की है, उसके लिए आयोग की सराहना की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि जब कोरोना काल में पूरी सावधानियों का पालन करते हुए अर्थव्यवस्था खोली जा रही है. पर्यटन स्थल, मेट्रो और धार्मिक स्थल तक खोले जा रहे हैं. तब लोकतांत्रिक प्रक्रिया को स्थगित करने की दलील उचित नहीं थी. आयोग का निर्णय “जान भी, जहान भी और लोकतंत्र का सम्मान भी” के मंत्र का पालन करता है.
उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि बिहार की जनता अगले महीने मात्र 11 दिनों के भीतर तीन चरणों में पूरे होने वाले मतदान के लिए पूरी तरह तैयार है. लॉकडाउन के दौरान विशेष ट्रेन से जिन लाखों लोगों को बिना किराया लिए सुरक्षित घर पहुंचाया गया, जांच-इलाज का इंतजाम किया गया और जिन करोड़ों गरीबों को 8 महीने का मुफ्त राशन दिया जा रहा है, वे सब उन लोगों को सबक सिखाने वाले हैं, जो कोरोना काल में अज्ञातवास पर थे और 500 बसें भेजने के फर्जी वादे कर रहे थे.
बिहार के डिप्टी सीएम ने कहा कि राजस्थान और महाराष्ट्र की सरकारों ने बिहारी छात्रों और मजदूरों के साथ जो दुर्व्यवहार किया, उसका बदला भी ईवीएम का बटन दबा कर लिया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोरोना काल में गरीबों-मजदूरों-युवाओं, बुजुर्गों और किसानों की सहायता के लिए सरकारी खजाना खोल दिया.
भाजपा नेता ने कहा कि कोरोना पर नियंत्रण के साथ-साथ कोसी महासेतु के शुभारम्भ, रेलवे की परियोजनाएं का उद्घाटन और गंगा पर नये महासेतुओं के निर्माण की आधारशिला रखकर ढांचागत विकास की गति बनाये रखी गयी. बिहार के 8 करोड़ मतदाता चुनाव को इन मुद्दों पर अपना समर्थन देने के अवसर के रूप में लेंगे.
Upload By Samir Kumar