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बिहार के सबसे बड़े अस्पताल का हाल बेहाल, घंटों बाद होता है पोस्टमार्टम, मौत के बाद लगती है लंबी कतार

प्रदेश का बड़ा अस्पताल होने के कारण पीएमसीएच में रोजाना 15 से 18 शवों का पोस्टमार्टम किया जाता है. लेकिन, पोस्टमार्टम किट काफी कम हैं. सूत्रों की मानें, तो सिर फोड़ने के लिए हैमर, बॉडी को चीरने के लिए नाइफ, फोरसिब, सीजर आदि उपकरण ही हैं, जो पुराने हो चुके हैं.

आनंद तिवारी, पटना. पीएमसीएच का पोस्टमार्टम हाउस इन दिनों बेहाल है. कहने को पोस्टमार्टम हाउस की बड़ी बिल्डिंग है, लेकिन वर्तमान समय में कई उपकरण उपलब्ध नहीं हैं. दूसरी ओर नये उपकरणों की खरीदारी का प्रस्ताव भी ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है. सूत्रों की मानें, तो तीन साल पहले करीब 60 लाख के उपकरणों की खरीदारी के लिए अस्पताल प्रशासन ने प्रस्ताव बनाया था. इनमें शवों का पोस्टमार्टम के दौरान 72 उपकरणों की जरूरत दिखायी गयी थी, लेकिन पीएमसीएच में चंद औजारों से ही शवों का पोस्टमार्टम किया जा रहा है. जानकारों की मानें, तो औजार नहीं होने से मौत के सही कारणों का ठीक तरह से पता नहीं चल पाता है. पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर व अन्य कर्मी इसे दबी जुबान स्वीकार भी करते हैं. लेकिन, खुल कर कोई भी सामने आने के लिए तैयार नहीं है.

घंटों इंतजार, फिर होता है पोस्टमार्टम

प्रदेश का बड़ा अस्पताल होने के कारण यहां रोजाना 15 से 18 शवों का पोस्टमार्टम किया जाता है. लेकिन, पोस्टमार्टम किट काफी कम हैं. सूत्रों की मानें, तो सिर फोड़ने के लिए हैमर, बॉडी को चीरने के लिए नाइफ, फोरसिब, सीजर आदि उपकरण ही हैं, जो पुराने हो चुके हैं. बॉडी को सुरक्षित रखने के लिए पॉलीथिन बैग भी नहीं है, जिस कारण नमी से शव जल्द ही सड़ने लगते हैं. हालांकि, अंदर सेंट्रलाइज्ड एसी है, लेकिन शवों की संख्या अधिक होने के कारण परेशानी होती है. इसलिए घंटों इंतजार के बाद पोस्टमार्टम किया जा रहा है.

छह महीने से जमीन पर पड़ा है पांच लाख का मरचुरी टेबल

अस्पताल में लापरवाही आ अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां पिछले छह महीने से नया मरचुरी टेबल जमीन पर पड़ा हुआ है. इसकी कीमत करीब पांच लाख रुपये है. स्टील के इस टेबल को फस्ट फ्लोर पर शिफ्ट करना था. लेकिन, उसे शिफ्ट करने के बजाय लिफ्ट के किनारे ही छोड़ दिया गया है. अनदेखी की वजह से आज भी पुराने टेबल पर ही पोस्टमार्टम किये जा रहे हैं.

ये उपकरण हैं जरूरी

मरचुरी मशीन में जैसे फिंगरप्रिंट इंक, ट्यूब, इंक रोलर, रिमूवल वॉटलेस, क्लीनर कोगनेक, बोटल इंक क्लीनर, ग्लास इंक, स्लैब सिलमार्क, ग्रे कॉस्टिंग मैटेरियल ट्यूब, प्लास्टिक बोतल, हाइड्रोजन प्रोक्साइड, पॉलीप्रोलेन माक्सिंग, स्वेडिया स्पेटुला, फोरसिप पाइंटेड, उपकरण की जरूरत है.

क्या कहते हैं अधिकारी

पीएमसीएच के प्रिंसिपल डॉ विद्यापति चौधरी ने कहा कि पोस्टमार्टम हाउस में जो कमियां हैं, उन्हें पूरा किया जा रहा है. पीएमसीएच प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल है, इसलिए यहां पोस्टमार्टम के लिए भीड़ अधिक होती है. वहीं, जो स्टील का नया टेबल परिसर में पड़ा है, उसे भी शिफ्ट करने के लिए जिम्मेदार कर्मियों को निर्देश दिया गया है. इसे गंभीरता से लेकर शिफ्ट करा दिया जायेगा.

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