बिहार के सरकारी कॉलेजों में स्नातक और इंटर स्तर पर नामांकन जारी है. इसी बीच बीजेपी एमएलसी ने बिहार बोर्ड पर जमकर हमला बोला है. विधानपरिषद में उपनेता नवल किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर कहा है कि बिहार बोर्ड से पढ़ने वाले छात्रों का भविष्य अंधकार में है.
प्रेस वार्ता करते हुए एमएलसी नवल किशोर ने कहा कि मैंने सीएम नीतीश कुमार कुमार पत्र लिखा है और मांग की है कि बिहार के सरकारी कॉलेजों में मेरिट के आधार पर नामांकन हो ना कि नंबर के आधार पर. उन्होंने कहा कि पहले बिहार के सरकारी कॉलेजों में इस बार कोविड के चलते नंबर के आधार पर नामांकन लिया जा रहा है, जिस वजह से बिहार बोर्ड के छात्र पिछड़ रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि इस वजह से बिहार बोर्ड से पासआउट छात्रों का भविष्य अंधकार में है.
बिहार के पटना यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएशन में नामांकन को लेकर मेरिट लिस्ट जारी किया गया था. स्नातक का मेरिट लिस्ट जारी होते ही पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ और सभी छात्र संगठनों ने पटना विश्वविद्यालय में मंगलवार से चलने वाले नामांकन प्रक्रिया को बंद करने की मांग की है. छात्रों का कहना है कि मेरिट लिस्ट अंक के आधार पर बनाया गया है, जो कि गलत है.
मेरिट लिस्ट आने पर विश्वविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष मनीष यादव ने विरोध जताते हुए कहा कि विवि ने जो नामांकन के लिए चार हजार छात्रों की प्रथम लिस्ट जारी की है, उसमें सबसे ज्यादा सीबीएसइ के छात्र हैं. अगर पटना विश्वविद्यालय में नामांकन अंक के आधार पर होगा, तब बिहार बोर्ड के ग्रामीण बच्चे पिछड़ जायेंगे
Posted By : Avinish Mishra