पटना. बिहार में मैट्रिक परीक्षा का आज तीसरे दिन ढाई घंटे पहले ही पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. बिहार के किसी न किसी जिले से परीक्षा शुरू होने से पहले ही प्रतिदिन पेपर सोशल मीडिया पर वायरल होने की खबर आ रही है. आज परीक्षा से ढाई घंटे पहले सोशल साइंस का पेपर वायरल हो गया. इसके बाद राज्य भर के छात्रों ने अपने-अपने मोबाइल निकाल कर पेपर देखने लगे.
सोशल मीडिया पर पेपर वायरल होने की खबर से जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया. हालांकि अभी तक पेपर वायरल होने की पुष्टि बोर्ड ने नहीं की है. इधर, पेपर पाने के लिए छात्रों के बीच अफरा-तफरी मच गई. वायरल पेपर पाने के लिए छात्र इधर-उधर भागते नजर आए. इससे पहले भी मैथ का पेपर वायरल हुआ था. हालांकि जब पेपर चेक किया गया तो पिछले वर्ष का पाया गया.
परीक्षा के दौरान एक फर्जी प्रश्न पत्र 18 फरवरी को भी वायरल हुआ. हालांकि चेक करने पर वह पिछले वर्ष का पाया गया. छात्रों ने बताया कि इस बार 100 में से 50 प्रश्नों के उत्तर देने थे, जबकि वायरल प्रश्न में 60 में से 50 प्रश्नों के उत्तर देने को कहा गया था.
मैट्रिक का परीक्षा का आज तीसरा दिन था. राज्य सरकार और प्रशासन के लाख प्रयास के बाद भी शिक्षा माफियाओं ने पेपर वायरल करने से अपने को नहीं रोक पा रहे है. प्रशासन के तमाम व्यवस्थाओं को ध्वस्त करते हुए परीक्षा से ढाई घंटे पहले पेपर वायरल कर दिया गया. जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों में बेचैनी बढ़ गई.
इधर, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर सरकार से पूछा है कि बिहार में ऐसी कौन सी परीक्षा है, जिसका प्रश्न पत्र लीक नहीं होता है. बिहार की 16 वर्षों की एनडीए सरकार ने शिक्षा का मजाक बना दिया है, दो पीढ़ियों को बर्बाद कर दिया है. जात-धर्म से ऊपर उठकर बिहारवासियों को गंभीरता से वर्तमान शिक्षा व्यवस्था पर सवाल-जवाब करने की जरूरत है.
Posted by: Radheshyam Kushwaha