पटना. बजट में सात निश्चय पार्ट 2 की योजनाओं के लिए सरकार ने 4671 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. तकनीकी शिक्षा भी हिंदी में पढ़ाने की कोशिश होगी. साथ ही एक मेडिकल, एक इंजीनियरिंग और एक खेल विवि की स्थापना होगी. इसके लिए युवा शक्ति -बिहार की प्रगति के लिए आइटीआइ, हर जिले में मेगा स्किल, सभी प्रमंडलों में टूल रूम खोले जायेंगे. इसके लिए 2021-22 में श्रम संसाधन विभाग को 550 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं.
सरकार आइटीआइ और पॉलिटेक्निक संस्थानों के बीच समन्वय के लिए अलग से स्किल डेवलपमेंट एवं उद्यमिता विभाग खोलेगी. पॉलिटेक्निक संस्थानों में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना और इंजीनियरिंग कालेजों में बेहतर समन्वय के लिए इंजीनियरिंग विवि खोलले के लिए 150 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे.
युवा उद्यमियों के लिए नये उद्योग लगाये जाने के लिए पांच लाख रुपये का अनुदान दिया जायेगा तथा अधिकतम पांच लाख रुपये का कर्ज एक प्रतिशत के ब्याज पर दिया जायेगा. इसके लिए उद्योग विभाग को 2021-22 में दो सौ करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. महिलाओं को नये उद्योग लगाने के लिए पांच लाख की राशि अनुदान के रूप में और पांच लाख रुपये का कर्ज बिना ब्याज के मुहैया कराये जायेंगे. इसके लिए दो सौ करोड़ रुपये का प्रबंध किया गया है.
बजट में इंटर पास अविवाहित लड़कियों को 25 हजार और स्नातक पास होने पर 50 हजार रुपये का प्रोत्साहन भत्ता दिये जाने का प्रावधान किया जायेगा. इसके लिए शिक्षा विभाग ने 600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. महिलाओं को सरकारी नौकरी में 35 प्रतिशत के आरक्षण का लाभ सभी जिला कार्यालयों में भी दिया जायेगा.
बजट में सात निश्चय पार्ट 2 के तहत स्वच्छ गांव-समृद्ध गांव योजना के लिए पंचायती राज विभाग को 150 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इस राशि से गांवाें की गलियां सड़कों की तरह साफ और जगमग करेंगी. सोलर स्ट्रीट लाइट योजना से रोशनी मिलेगी. इसकी निगरानी भी लगातार की जायेगी. पंचायती राज विभाग को इसकी जिम्मेदारी दी गयी है.
गांवों में पीएम स्वच्छता अभियान के तहत गंदगी फैलाने वाली चीजों को नष्ट करने के लिए ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन एवं मल प्रबंधन योजना लागू की जायेगी. ठोस कचरे को एकत्र कर उसका निस्तारण किया जायेगा. साथ ही गंदे जल का ट्रीटमेंट किया जायेगा. इसके लिए ग्रामीण विकास विभाग को 50 करोड़ रुपये दिये जायेंगे. पूर्व की योजनाओं के रखरखाव के लिए पीएचइडी को चार सौ करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
सरकार ने बजट में दूध उत्पादन और मछली पालन योजनाओं से रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए इन क्षेत्रों का बढ़ावा देने का फैसला लिया है. चौर क्षेत्रों का बड़े पैमाने पर विकास होगा. मछली पालन को बढ़ावा दिया जायेगा. इसके लिए पशुपालन विभाग के बजट में 500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है.
शहरी गरीबों के लिए बहुमंजिला आवास बनेगा. ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था होगी. सभी शहरों में नदी घाटों पर मोक्षधाम का निर्माण होगा. नगर विकास एवं आवास विभाग के बजट में 450 करोड़ रुपये का प्रावधान है. सभी शहरों में वृद्धजनों के लिए आश्रय स्थल के निर्माण के लिए समाज कल्याण विभाग को 90 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
राज्य के प्रत्येक खेत में किसी न किसी माध्यम से सिंचाई के लिये पानी उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने 550 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इस योजना में कृषि विभाग, ऊर्जा विभाग, लघु जल संसाधन विभाग और जल संसाधन विभाग मिल कर काम करेंगे. सर्वे कार्य कर लिया गया है. वित्तीय वर्ष 2021-22 में कृषि विभाग के बजट में इस काम के लिये 50 करोड़ रुपये, ऊर्जा विभाग के बजट में 300 करोड़, लघु जल संसाधन विभाग के बजट में 100 करोड़, जल संसाधन विभाग के बजट में भी 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
अभी गांवों व टोलों के संपर्क पथों के लिए ग्रामीण कार्य विभाग को 250 करोड़ रुपये अतिरिक्त दिये गये हैं. गांवों को प्रखंड, थाना व अनुमंडल से संपर्क पथ का निर्माण किया जायेगा. शहरी इलाकों में बाइपास एवं फ्लाइओवर के निर्माण के लिए पथ निर्माण विभाग को 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इस राशि से शहरों की जाम समाप्त करने की दिशा में काम किया जायेगा.
ग्रामीण इलाकों में पशुओं की स्वास्थ्य सुविधा का विकास किया जायेगा. आठ से दस पंचायतों पर पशु अस्पताल की व्यवस्था की जायेगी. मोबाइल एप से पशुओं की बीमारी की जानकारी मिल सकेगी और इलाज संभव हो सकेगा. गोवंश के संरक्षण के लिए पशु विज्ञान विवि में गोवंश विकास संस्थान की स्थापना होगी. इसके लिए पशु एवं मत्स्य विभाग को 500 करोड़ और गांवों में आम लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग को 300 करोड़ का प्रावधान किया गया है.
Posted by Ashish Jha