बिहार उपचुनाव 2021 को लेकर सभी दलों ने अपनी ताकत झोंक दी है. मतदान में अब दो हफ्ते से भी कम समय बचा है. सूबे का चुनावी पारा गरमा चुका है. वहीं इस बार विधानसभा उपचुनाव में बिहार के चार प्रभावशाली युवा नेता मैदान में उतकर एक दूसरे के खिलाफ जोर आजमाइश करने जा रहे हैं. कन्हैया कुमार की एंट्री मुकाबले को दिलचस्प बनाएगी वहीं लालू के दोनों बेटे भी एक सीट पर आमने-सामने दिखेंगे.
बिहार उपचुनाव इस बार युवा नेताओं के लिए भविष्य की राजनीति का टेस्टिंग ग्राउंड साबित हो सकता है. 2020 के विधानसभा में भी बिहार के ये चार युवा चेहरे मैदान पर थे लेकिन इसबार समीकरण बदला हुआ है. कन्हैया कुमार ने वामपंथ से नाता तोड़कर अब कांग्रेस का दामन थाम लिया है. वहीं कांग्रेस इस उपचुनाव में राजद से अलग होकर अपने उम्मीदवारों को दोनों सीटों पर उतार चुकी है. दूसरी तरफ लोजपा संस्थापक रामविलास पासवान के पुत्र जमुई सांसद चिराग पासवान भी नयी जमीन की तलाश में जोर लगाए हुए हैं.
राजद नेता तेजस्वी यादव मुंगेर में डेरा डाल चुके हैं. शनिवार को तारापुर पहुंचे तेजस्वी ने इस विधानसभा सीट पर जीत के लिए पूरी ताकत झोंक दी है. 18 अक्टूबर को पटना पहुंचकर चिराग पासवान 22 अक्टूबर से तीन दिनों तक तारापुर में अपने दल के प्रत्याशी के लिए कैंप करेंगे. वहीं कांग्रेस में शामिल होने के बाद कन्हैया स्टार प्रचारक के तौर पर बिहार पहली बार 22 अक्टूबर को आ रहे हैं. लोकसभा चुनाव में उनके खिलाफ राजद ने उम्मीदवार खड़े किये थे. इस उपचुनाव में राजद उम्मीदवार के भी खिलाफ कन्हैया कांग्रेसी बनकर हुंकार भरेंगे.
राजद नेता तेजस्वी यादव तारापुर में जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं. वो 22 अक्टूबर से कुशेश्वरस्थान में डेरा डालेंगे. वहीं 18 अक्टूबर से चिराग पासवान कुशेश्वर स्थान में कैंप करेंगे. चिराग तीन दिनों तक यहां रहेंगे और 22 को तारापुर जाएंगे.
वहीं दूसरी तरफ लालू परिवार में अभी कलह जारी है. लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव इस चुनाव में कुशेश्वर स्थान सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार का साथ देने उतरेंगे. यहां राजद के उम्मीदवार को हराने में तेज प्रताप यादव भी अपनी ताकत झोंकेंगे. कई लिहाज से इस बार का उपचुनाव इन चार युवा नेताओं के लिए महत्वपूर्ण बना हुआ है.
Published By: Thakur Shaktilochan