बिहार में कैबिनेट का विस्तार अगले सप्ताह हो सकता है. इसके लिए राज्य में एनडीए के सभी घटक दलों से विचार-विमर्श कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जल्द ही अंतिम निर्णय लेंगे. पहले 29 नवंबर को कैबिनेट विस्तार होने की चर्चा थी. कैबिनेट विस्तार में सामाजिक समीकरण का ख्याल रखा जायेगा.
महिला कोटे से लेसी सिंह के नाम की चर्चा है. अति पिछड़ा में बिहारीगंज से जीते निरंजन मेहता और झाझा से जीत कर आये दामोदर रावत, पिछड़ा वर्ग में नालंदा जिले से आने वाले श्रवण कुमार, दलित वर्ग से महेश्वर हजारी और सुनील कुमार के नाम की चर्चा है. एक दो नाम और चौंकाने वाले हो सकते हैं.
मिथिलांचल से भी जदयू की भागीदारी हो सकती है. इनमें संजय झा के नाम के कयास लगाये जा रहे हैं. कैबिनेट विस्तार में जदयू के कम से कम आठ और मंत्री बनाये जायेंगे. संविधानिक प्रावधानों के अनुसार राज्य में कुल 36 मंत्री बनाये जा सकते हैं.
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फिलहाल मुख्यमंत्री के अलावा 13 मंत्री हैं जिनमें मुख्यमंत्री को छोड़ जदयू के सिर्फ चार मंत्री हैं. 22 और को मंत्री बनाया जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक अगले विस्तार में 18 मंत्रियों को शपथ दिलायी जा सकती है. इनमें भाजपा के दस और जदयू के आठ मंत्री हो सकते हैं.
कैबिनेट विस्तार में भाजपा के कम से कम दस नये चेहरे को मौका मिल सकता है. मिथिलांचल से आने वाले विनोद नारायण झा और नीतीश मिश्रा में से किसी एक को कैबिनेट में जगह मिल सकती है. उनके अलावा युवा और अति पिछड़े व दलित वर्ग से आने वाले विधायकों को भी मंत्री पद की जिम्मेवारी मिल सकती है.
हाल ही में लालू प्रसाद के टेलीफोन कांड में चर्चा में आये पीरपैंती के ललन पासवान को भी मंत्री पद की जिम्मेवारी मिलने के कयास लगाये जा रहे हैं. वर्तमान में नयी सरकार भाजपा के सात मंत्री हैं. एक वीआइपी और एक हम के मंत्री हैं.
Posted by: Thakur Shaktilochan