बिहार में हुई जाति आधारित सर्वे की रिपोर्ट सोमवार (02 अक्टूबर) को जारी कर दी गई. मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) के मौके पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जाति आधारित सर्वे की रिपोर्ट जारी की है. बिहार राज्य में हुए सर्वे के अनुसार पूरे बिहार की जनसंख्या 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 है. इसमें बिहार के बाहर रहने वालों की संख्या 53 लाख 72 हजार 22 है. बिहार राज्य में रहने वालों की कुल जनसंख्या 12 करोड़ 53 लाख 53 हजार 288 है. बिहार में हुई जाति आधारित सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में पिछड़ा वर्ग 27.13% है. अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01%, सामान्य वर्ग 15.52% है. बताते चलें कि जाति आधारित गणना को लेकर बिहार में खूब हंगामा हुआ था. पूरा मामला हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था.
मुख्य सचिव ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बिहार में जातीय गणना सर्वे 2022 की पुस्तिका का विमोचन किया. इसमें राज्य में कुर्मी जाति की संख्या 2.87 प्रतिशत है. वहीं, अनुसूचित जाति की संख्या का प्रतिशत 19.65, कुशवाहा जाति की संख्या 4.21 प्रतिशत, राजपूतों की संख्या 3.41 प्रतिशत, ओबीसी की संख्या 36. 01 प्रतिशत और पिछड़ा वर्ग की संख्या 27.12 प्रतिशत है. बिहार में 82% हिन्दू, 17. 7% मुसलमान, .05% ईसाई, .08% बौद्ध धर्म, .0016% कोई धर्म नहीं है. वहीं बिहार की कुल आबादी 13,07, 25 , 310 है, जिसमें पिछड़ा वर्ग 3,54,63,936, अत्यंत पिछड़ा वर्ग — 4,70,80,514, अनुसूचित जाति 2,56,89,820, अनुसूचित जनजाति 21,99,361, अनारक्षित 2,02,91,679 हैं.
बिहार में जातीय सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार
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ब्राह्मण 3.65 फीसदी (4781280)
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राजपूत 3.45 फीसदी
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कायस्थ 0.60 फीसदी
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कुर्मी 2.87 प्रतिशत
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कुशवाहा 4.27 प्रतिशत
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तेली 2.8131 फीसदी
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भूमिहार 2.89 प्रतिशत
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धानुक 2.13 प्रतिशत
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सुनार 0.68 प्रतिशत
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कुम्हार 1.04 प्रतिशत
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बढ़ई 1.45 फीसदी
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यादव 14.26 फीसदी
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नाई 1.59 फीसदी
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मुसहर 3.08 फीसदी है.
बताते चलें कि जातीय सर्वे का पहला चरण सात जनवरी से शुरू हुआ था. इस चरण में मकानों की सूचीकरण व मकानों को गिना गया. यह चरण 21 जनवरी 2023 को पूरा हुआ था. जातीय गणना का दूसरा चरण 15 अप्रैल से शुरू हुआ था. इसे 15 मई को पूरा हो जाना था. इसके बाद लोगों से डेटा जुटाए गए. दूसरे चरण में परिवारों की संख्या, उनके रहन-सहन, आय आदि के आंकड़े लिए गए थे.
बिहार राज्य में हुए सर्वे के अनुसार पूरे बिहार की जनसंख्या 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 पाई गई है. इसमें बिहार के बाहर में रहने वालों की संख्या 53 लाख 72 हजार 22 है. बिहार राज्य में रहने वालों की कुल जनसंख्या 12 करोड़ 53 लाख 53 हजार 288 है. बिहार में हुई जाति आधारित सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में पिछड़ा वर्ग 27.13% है. अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01%, सामान्य वर्ग 15.52% है. जाति आधारित सर्वे के अनुसार पुरुषों की कुल संख्या छह करोड़ 41 लाख 31 हजार 990 है. जबकि बिहार में महिलाओं की संख्या 6 करोड़ 11 लाख 38 हजार 460 है. अन्य की संख्या 82 हजार 836 पाई गई है. गणना के अनुसार 1000 पुरुषों पर 953 महिलाएं पाई गई हैं.
वहीं जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी होने को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इसको लेकर एक पोस्ट भी किया है.नीतीश कुमार ने ट्वीट कर लिखा है कि आज गांधी जयंती के शुभ अवसर पर बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना के आंकड़े प्रकाशित कर दिए गए हैं. जाति आधारित गणना के कार्य में लगी हुई पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई. बताते चलें कि जाति आधारित सर्वे के लिए सर्वसम्मति से विधानमंडल में प्रस्ताव पारित किया गया था. बिहार विधानसभा के सभी 9 दलों की सहमति से निर्णय लिया गया था कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित सर्वे कराएगी.
इसके बाद दिनांक 02-06-2022 को मंत्रिपरिषद ने इसकी स्वीकृति दी थी. इसके आधार पर राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से जाति आधारित सर्वे कराई है.जाति आधारित गणना से न सिर्फ जातियों के संबंध में सब कुछ पता चला है बल्कि सभी की आर्थिक स्थिति की जानकारी भी मिली है. सरकार का कहना है कि अब इसके आधार पर ही सभी वर्गों के विकास एवं उत्थान के लिए अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी. बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना को लेकर शीघ्र ही बिहार विधानसभा के उन्हीं 9 दलों की बैठक बुलाई जाएगी तथा जाति आधारित गणना के परिणामों से उन्हें अवगत कराया जाएगा.