Bihar Chunav 2020 पटना: फरवरी 2005 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में किसी भी दल या गठबंधन को बहुमत नहीं मिला. प्रदेश में राबड़ी देवी सरकार थी. लेकिन, चुनाव हुए तो राजद को महज 75 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा. सहयोगी कांग्रेस को 10 सीटें आयी. लोजपा 29 सीटें जीत कर बड़ी ताकत के रूप में उभरी थी. एनडीए में जदयू के 55 व भाजपा के 37 विधायकों की संख्या सरकार बनाने के लिए लिए जादूई आंकड़े 122 से काफी दूर दिख रही थी.
उन दिनों लालू प्रसाद रेल मंत्री के रूप में केंद्र की यूपीए सरकार के सिरमौर हुआ करते थे. जानकार बताते हैं कि लालू प्रसाद ने प्रदेश में जब अपनी सरकार बनते नहीं देखा, तो उनके दबाव में केंद्र सरकार ने बिहार में राष्ट्रपति शासन लगा दिया.
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इसके बाद अगले छह महीने तक बिहार की राजनीति आरोप-प्रत्यारोप के बीच चलती रही. इसी बीच एनडीए के मुख्यमंत्री पद के चेहरे नीतीश कुमार ने न्याय यात्रा पर राज्य का दौरा करने की घोषणा की.
चंपारण में महात्मा गांधी की कर्मभूमि से न्याय यात्रा आरंभ हुई. वर्षा के दिनों में आरंभ हुई न्याय यात्रा में नीतीश कुमार प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों तक गये. सड़कों पर बड़े-बड़े गढ़े, शाम होते ही सन्नाटे में पसरा इलाका व विधि व्यवस्था की खराब स्थिति के बीच न्याय यात्रा पूरा हुआ. इसके बाद अक्तूबर में दोबारा विधानसभा का चुनाव हुआ, जिसमें एनडीए को भारी जीत मिली और नीतीश कुमार दूसरी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya