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Bihar Chunav 2020: विधानसभा की राह में कांटा बने बागी, जानें शह-मात की खेल में कैसे उलझ रहा इस बार सियासी समीकरण

बिहार चुनाव 2020 में घात-प्रतिघात से लगभग सभी राजनीतिक दल के प्रत्याशियों को जूझना पड़ रहा है. चुनाव के ऐन मौके पर बागी होकर चुनाव मैदान में कूदने वाले उम्मीदवारों ने पुराने समीकरण को ही बदल कर रख दिया है. अपनों के भीतरघात के कारण जीत की राह भी कठिन होने लगी है. जैसे-जैसे चुनाव की तिथि नजदीक होती जा रही वैसे-वैसे प्रत्याशी रूठे लोगों को मनाने में अपनी ताकत लगा रहे हैं. जिले के छह विधानसभा क्षेत्रों में कुल 92 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं. इनमें से आठ प्रत्याशी तो पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं. बागियों के कारण विधानसभा का रास्ता मुश्किल होने लगा है.

बिहार चुनाव 2020 में घात-प्रतिघात से लगभग सभी राजनीतिक दल के प्रत्याशियों को जूझना पड़ रहा है. चुनाव के ऐन मौके पर बागी होकर चुनाव मैदान में कूदने वाले उम्मीदवारों ने पुराने समीकरण को ही बदल कर रख दिया है. अपनों के भीतरघात के कारण जीत की राह भी कठिन होने लगी है. जैसे-जैसे चुनाव की तिथि नजदीक होती जा रही वैसे-वैसे प्रत्याशी रूठे लोगों को मनाने में अपनी ताकत लगा रहे हैं. जिले के छह विधानसभा क्षेत्रों में कुल 92 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं. इनमें से आठ प्रत्याशी तो पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं. बागियों के कारण विधानसभा का रास्ता मुश्किल होने लगा है.

बैकुंठपुर में रोचक बना चुनावी जंग

बैकुंठपुर विधानसभा क्षेत्र पर राज्य भर के लोगों की नजरें टिकी हुई हैं. यहां पुराने महारथी चुनाव मैदान में एक-दूसरे को मात देने में जुटे हैं. इस बार जदयू भाजपा के साथ है. भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष विधायक मिथिलेश तिवारी यहां चुनाव मैदान में हैं. राजद-कांग्रेस व वाम दल के गठबंधन के साथ पूर्व विधायक रहे स्व देवदत्त प्रसाद के पुत्र प्रेम शंकर प्रसाद राजद के उम्मीदवार हैं, जबकि जदयू से बगावत कर मंजीत कुमार सिंह निर्दलीय चुनाव मैदान में है. वैसे तो कुल 13 प्रत्याशी अपना भाग्य अजमा रहे हैं. इसमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से बंदना सिंह, द प्लूरल्स पार्टी से अतुल कुमार गौतम, जनवादी पार्टी सोशलिस्ट से उत्तम कुमार चौहान, जन संघर्ष विराट पार्टी से भैरवा सिंह उम्मीदवार हैं.

बरौली में भाजपा-राजद में कांटे की टक्कर

बरौली विधानसभा क्षेत्र में एनडीए बनाम महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर को बागी बिगाड़ने में जुटे हैं. यहां एनडीए से भाजपा के प्रत्याशी पूर्व पर्यटन मंत्री रामप्रवेश राय चुनाव मैदान में हैं, तो राजद से प्रदेश महासचिव रेयाजुल हक राजू चुनाव लड़ रहे हैं.बसपा से शाह आलम तो नेशनालिस्ट कांग्रेस पार्टी से सचिन कुमार सिंह, जनता पार्टी से डॉ पूनम कुमारी व भारतीय बहुजन कांग्रेस पार्टी से मंजु कुमारी समेत कुल 18 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. यहां डॉ अभिषेक रंजन निर्दलीय मैदान में डटे हैं. भाजपा से बगावत कर चितलाल प्रसाद भी निर्दलीय ताल ठोक रहे हैं. कुल मिलाकर वोटों की गोलबंदी राजनीतिक दलों के खातिर बड़ी चुनौती है.

गोपालगंज में नये समीकरण

गोपालगंज विधानसभा सीट पिछले 15 वर्षों से भाजपा की खाते में है. भाजपा से विधायक सुभाष सिंह मैदान में है. भाजपा को घेरने के लिए इस बार महागठबंधन ने कांग्रेस को सीट देते हुए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल गफूर के पोते आसिफ गफूर को उम्मीदवार बनाया है. वहीं, अनिरुद्ध प्रसाद उर्फ साधु यादव के बसपा से चुनाव मैदान में आने से लड़ाई भी रोचक बन गयी है. भाजपा अपने कैडर वोटरों के समीकरण को जोड़कर जीत का दावा ठोक रही. कांग्रेस को अपने तथा राजद के परंपरागत वोटों पर जीत का भरोसा है. साधु यादव वर्ष 2000 में इस सीट से विधायक रहे हैं. वे अपने विकास कार्यों के आधार पर दावा कर रहे हैं. यहां 22 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं.

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कुचायकोट में बाहुबलियों के बीच रोचक बनता जा रहा जंग

कुचायकोट विधानसभा क्षेत्र में बहुबलियों के बीच चुनावी जंग है. वर्ष 2005 से अब तक विधायक रहे जदयू के अमरेंद्र कुमार पांडेय उर्फ पप्पू पांडेय इस बार भी मैदान में हैं. पप्पू पांडेय सतीश पांडेय के भाई हैं. उनके खिलाफ कल तक लोजपा के राष्ट्रीय महासचिव रहे पूर्व सांसद काली प्रसाद पांडेय को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है. 1984 में जेल से काली प्रसाद पांडेय ने निर्दलीय चुनाव लड़कर रिकॉर्ड वोटों से जीत हासिल की थी. काली पांडेय के भाई आदित्य नारायण पांडेय भाजपा के विधान पार्षद हैं. वहीं, रालोसपा ने इस बार सुनीता सिंह कुशवाहा, तो लोजपा ने रवि पांडेय को उम्मीदवार बनाया है. कुचायकोट से 13 उम्मीदवार ताल ठोक रहे हैं.

भोरे में पूर्व डीजी व माले के बीच सीधी टक्कर

भोरे विधानसभा की सीट पर कांग्रेस से अनिल कुमार विधायक थे. इस बार के चुनाव में अनिल कुमार के भाई पूर्व डीजी सुनील कुमार जदयू से उम्मीदवार हैं. सुनील कुमार भोरे के पहले विधायक व संविधान सभा के सदस्य रहे स्व चंद्रिका राम के बेटे हैं. वहीं, लोजपा से पुलिस इंस्पेक्टर जय प्रकाश की पत्नी पुष्पा देवी चुनाव मैदान में हैं. महागठबंधन की ओर से भाकपा- माले के जितेंद्र पासवान प्रत्याशी हैं. भोरे सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र से 12 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. सभी लोग अपने वोटों के समीकरण के आधार पर चुनाव जीतने का दावा कर रहे हैं.

हथुआ : राजद सुप्रीमो के घर में ही घेरने में जुटा एनडीए

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के गृह क्षेत्र हथुआ विधानसभा क्षेत्र में एनडीए राजद को घेरने की कोशिश में जुटा है. यहां एनडीए से जदयू प्रत्याशी समाज कल्याण मंत्री रामसेवक सिंह चुनाव मैदान में हैं. वे वर्ष 2005 से लगातार विधायक हैं. इस वर्ष भाजपा के साथ होने से समीकरण बदला है. वहीं, राजद ने पूर्व विधायक रहे स्व प्रभुदयाल के परिवार से जुड़े राजेश सिंह कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है. राजेश पार्टी के जिलाध्यक्ष भी हैं. कैडर वोटों के साथ जातीय समीकरण को बैठाया जा रहा. दूसरी ओर, लोजपा ने रामदर्शन प्रसाद उर्फ मुन्ना किन्नर को अपना उम्मीदवार बनाकर कर मुकाबले को रोचक बना दिया है. हथुआ में 15 उम्मीदवार भाग्य अजमा रहे हैं.

Posted by : Thakur Shaktilochan

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