बिहार में कोरोना का कहर जारी है. कोरोनावायरस के दूसरे लहर ने बिहार के कई जिलों को अपनी चपेट में ले लिया है. रोजाना कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है.मंगलवार को प्रदेश में संक्रमित मरीजों की संख्या दस हजार के पार चली गयी. सूबे में कुल 10,455 नये कोरोना मरीज पाये गये. वहीं मरीजों की बढ़ती संख्या से अस्पतालों में भी अब दवाब बढ़ने लगा है. मरीजों के परिजन आनन-फानन में मरीज को लेकर अस्पताल तो पहुंच रहे हैं लेकिन अव्यवस्था के कारण उन्हें काफी परेशानी हो रही है. जिन मरीजों को बेड मिल पा रहा है उन्हें सही इलाज नहीं मिल पा रहा. जिसकी एक बड़ी वजह प्रदेशभर में बड़ी संख्या में मरीजों के इलाज में जुटे डॉक्टरों व हेल्थकर्मियों का कोरोना की जद में आकर संक्रमित होना भी है.
बिहार में डॉक्टरों समेत अन्य स्वास्थ्यकर्मी कोरोना पॉजिटिव हो रहे हैं. जिससे सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था बुरी तरह चरमराकर वेंटिलेटर पर आ गयी है. खासकर राजधानी पटना में इसका असर यहां के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों पर अधिक देखने को मिल रहा है. बड़े अस्पतालों में जांच व इलाज प्रभावित हो रहे हैं. कई क्लिनिक व अस्पतालों के 90 फीसद स्टाफ कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं जिसके कारण अस्पताल बंद होने के कगार पर हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पटना एम्स में 384 डॉक्टर व स्टाफ कोरोना पॉजिटिव हो गए, जिनमें कई अब ठीक भी हो गए हैं. वहीं पीएमसीएच में प्राचार्य समेत 30 डॉक्टर व 49 कर्मी संक्रमित हैं. राजधानी के एक और बड़े अस्पताल एनएमसीएच का भी यही हाल है. यहां के 40 डॉक्टर व कर्मी कोरोना पॉजिटिव हैं.कई लैब ऑपरेटर व टेक्निसियन भी संक्रमित हो चुके हैं, जिससे जांच प्रभावित हो रहा है.
स्वास्थ्यकर्मियों का कोरोना के चपेट में पड़ना पूरे प्रदेश के लिए चिंता का विषय हो गया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 10 दिनों में 182 डॉक्टर और 362 हेल्थवर्कर कोरोना पॉजिटिव हुए हैं. सबसे अधिक 70 डॉक्टर पीएमसीएच के संक्रमण की चपेट में पड़े हैं. इतने ही दिनों में एम्स के 60, आईजीआईएमएस के 30 व एनएमसीएच के 22 डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव हुए. यही हाल पटना के अलावा कई उन जिलों में है जहां रोजाना कोरोना के बड़े मामले सामने आ रहे हैं.
कोरोना की चपेट में पड़े भागलपुर जिले का हाल भी कुछ ऐसा ही है. सोशल मीडिया पर कई मरीजों के परिजनों ने भी अपना दर्द बयां किया. जेएलएनएमसीएच अस्पताल में डॉक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों की कमी हो गई है. अस्पताल में मरीजों की सुध लेने वाला ना कोई डॉक्टर सामने दिखते हैं और ना ही स्टाफ. ऑक्सीजन से लेकर स्ट्रेचर तक मरीज के परिजन के ही भरोसे है. यहां अस्पताल के सुप्रिटेंडेंट से लेकर सिविल सर्जन तक कोरोना पॉजिटिव होकर होम आइसोलेट हैं. अभी तक जिले के कुल 37 डॉक्टर बीमार पड़ चुके हैं. बिहार में सैंकड़ों डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मी कोरोना पॉजिटिव होने तथा Hindi News से अपडेट के लिए बने रहें।
Posted By: Thakur Shaktilochan