बिहार में कोरोनावायरस का संक्रमण लगातार अपने पांव पसार रहा है. कोरोना के बढ़ते मामले को देख अब सरकार भी लगातार हर क्षेत्रों में सतर्कता बरतती जा रही है. इसी क्रम में मनरेगा के मजदूरों के लिए भी कुछ पाबंदियां लगाई गई है. ग्रामीण विकास विभाग ने सभी जिला के जिलाधिकारियों और जिला कार्यक्रम समन्यवक को मनरेगा योजना के कार्यान्यवन के दौरान कोरोना गाइडलाइन्स के सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है. सूबे में मनरेगा का काम अभी केवल 60 साल तक के मजदूरों को ही मिल सकेगा. कोरोना के खतरे को देखते हुए श्रमिकों के सेहत को वरीयता दी गई है.
बिहार में कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए मनरेगा में काम मिलने को लेकर कुछ पाबंदिया तय की गई हैं. साठ साल से अधिक उम्र के लोगों को अब काम करने की अनुमति फिलहाल नहीं दी जाएगी. वहीं इससे कम उम्र के वैसे मजदूरों को भी काम पर नहीं लगाया जाएगा जिनकी सेहत खराब रह रही हो. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव अरविंद चौधरी ने बताया कि कोरोनाकाल के दौरान मनरेगा में योजना के कार्यान्वयन के साथ ही सरकार मजदूरों के सेहत को लेकर भी गंभीर है.
प्रधान सचिव ने बताया कि पिछले साल कोरोना संकट के दौरान भी विभाग ने इस योजना के कार्यान्वयन के लिए गाइडलाइन्स जारी किया था. पिछले साल इस पाबंदी के फायदे भी देखे गए थे. किसी भी कार्यस्थल से कोरोन के मामले सामने नहीं आए थे. जिसे देखते हुए सरकार ने इसबार भी ये गाइडलाइन्स सख्ती से पालन कराने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि इससे अर्थव्यवस्था में कोई गिरावट नहीं आएगी.
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बता दें कि मनरेगा में जीविका दीदियों को प्रमुख जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना को छोड़ अन्य सभी कामों में नेतृत्व करने की जिम्मेदारी अब जीविका दीदियों को मिला है. 25 मजदूरों के उपर एक प्रमुख को रखा जाएगा जो उन मजदूरों के काम को देखेंगी. उन्हें केवल कोरोना गाइडलाइन्स का पालन कराने की जिम्मेदारी दी जाएगी. वो देखेंगी कि मजदूर कोरोनाकाल के दौरान इन नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं.
Posted By: Thakur Shaktilochan