Bihar Education Minister Mewalal Choudhary Resigns News Updates नीतीश सरकार में भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण विरोधी दलों के निशाने पर रहे शिक्षा मंत्री डॉ मेवालाल चौधरी (Dr. Mewalal Chaudhary) को आखिरकार अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा. गुरुवार को पदभार ग्रहण करने के दो घंटे के बाद ही कृषि विवि में नियुक्ति घोटाले के आरोपी बनाये गये मेवालाल चौधरी के इस्तीफे की खबर आ गयी.
बात दें कि दिन के 12.50 बजे उन्होंने शिक्षा विभाग में आकर योगदान किया था. मेवालाल चोधरी के इस्तीफे के बाद से विपक्षी दलों के नेताओं ने नीतीश सरकार पर हमला तेज कर दिया है. वहीं, सत्ता पक्ष के नेताओं ने विरोधियों के आरोपों पर पलटवार करते हुए अपनी बात रखी है.
लालू प्रसाद की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता मनोज झा ने ट्वीट कर मेवालाल चौधरी के इस्तीफा मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है, ज्यादा हैरानी और चिंता का विषय ये है कि दिल्ली की चर्चा के अनुसार बीजेपी के दवाब में मुख्यमंत्री जी को ये निर्णय लेना पड़ा. जनादेश के ‘सन्देश’ को अभी भी समझने का वक्त है. जय हिन्द जय बिहार.
ज्यादा हैरानी और चिंता का विषय ये है कि दिल्ली की चर्चा के अनुसार @BJP4India के दवाब में मा. मुख्यमंत्री जी को ये निर्णय लेना पड़ा. जनादेश के 'सन्देश' को अभी भी समझने का वक़्त है…जय हिन्द जय बिहार https://t.co/01NMq9Fjx8
— Manoj Kumar Jha (@manojkjhadu) November 19, 2020
वहीं, आरजेडी नेता तेजस्वी प्रताप ने ट्वीट कर कहा है, मैंने कहा था ना आप थक चुके है, इसलिए आपकी सोचने-समझने की शक्ति क्षीण हो चुकी है. जानबूझकर भ्रष्टाचारी को मंत्री बनाया. थू-थू के बावजूद पदभार ग्रहण कराया और घंटे बाद इस्तीफ़ का नाटक रचाया. तेजस्वी ने नीतीश सरकार पर हमला जारी रखते हुए आगे कहा, असली गुनाहगार आप है. आपने मंत्री क्यों बनाया? आपका दोहरापन और नौटंकी अब चलने नहीं दी जाएगी?
इन सबके बीच जदयू के नेता अजय आलोक ने ट्वीट कर इस मामले पर कहा है कि हमारे शिक्षा मंत्री ने तो इस्तीफा दे दिया. शुचिता के उच्च मापदंड का पालन हमने किया, लेकिन क्या अब तेजस्वी यादव भी अनुसरण करेंगे? इस्तीफा देंगे? राबड़ी जी पे भी आरोप हैं, इस्तीफा दे दे.
हमारे शिक्षा मंत्री ने तो इस्तीफ़ा दे दिया , शुचिता के उच्च मापदंड का पालन हमने किया लेकिन क्या अब @yadavtejashwi भी अनुसरण करेंगे ? इस्तीफ़ा देंगे ?? राबड़ी जी पे भी आरोप हैं , इस्तीफ़ा दे दे
— Dr Ajay Alok (@alok_ajay) November 19, 2020
गौर हो कि मेवालाल चौधरी ने पदभार ग्रहण करने के बाद मीडिया से सिलेबस बदलाव की बात कही थी. इसके कुछ ही देर बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा. मेवालाल चौधरी कुछ घंटे ही मंत्री रह पाये. इसके पहले निगरानी ब्यूरो में आरोपी बनाये जाने के कारण 2005 में जीतन राम मांझी को शपथ ग्रहण के बाद ही इस्तीफा देना पड़ा था.
मेवालाल चौधरी मंत्री बनाए जाने के दिन से ही विपक्ष के निशाने पर थे. पूर्व आइपीएस अधिकारी अमिताभ दास ने पुलिस मुख्यालय को उनके बारे में जांच किये जाने का अनुरोध किया था. मेवालाल चौधरी ने इन आरोपों का खंडन करते हुए अमिताभ दास के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने की बात कही थी.
2012 में सबौर कृषि विवि में शिक्षकों एवं वैज्ञानिकों की नियुक्ति मामले में मेवालाल चौधरी पर आरोप लगे थे. इस मामले में सभी आरोपितों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति भागलपुर के एसपी से सरकार ने मांग रखी है. 2015 में भी मेवालाल चौधरी जदयू के विधायक बने थे. इसके पहले उनकी पत्नी नीता चौधरी विधायक थीं. इस बार भी पार्टी ने उन्हें तारापुर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया और उन्होंने जीत हासिल की.
Upload By Samir Kumar