बिहार विधान परिषद में मंगलवार को दूसरी पाली में रामचरितमानस के तथ्यों पर चर्चा की कोशिश कर रहे शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर का सत्ताधारी दल के सदस्यों ने ही विरोध किया. नोकझोंक भी हुई. आसन ने मंत्री को समझाने की कोशिश की और स्पीकर ने कहा कि मंत्री शिक्षा पर अपना उत्तर दें. हालांकि मंत्री रामचरितमानस पर चर्चा करते रहे. अंत में आसन से सभापति देवेशचंद्र ठाकुर ने मंत्री को जवाब की प्रति सदन पटल पर रखने का निर्देश दिया. करीब 20 मिनट तक हंगामे की स्थिति बनी रही. सदन में विधायक लखेंद्र रौशन के निलंबन के विरोध में भाजपा के सदस्य पूर्व में ही वाकआउट कर चुके थे. हंगामा खत्म नहीं होते देख सभापति ने सदन की कार्यवाही बुधवार दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
शिक्षा पर वाद विवाद के बाद जब शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर ने रामचरितमानस के ढोल, गंवार वाले प्रकरण पर चर्चा शुरू की तो इस पर जदयू विधान पार्षद नीरज कुमार ने हस्तक्षेप किया. उन्होंने कहा कि क्या रामचरितमानस के उद्धरण से देश चलेगा? भागवत गीता, रामायण, कुरान, बाइबिल भी क्या गलत हैं? राजद के विधान पार्षद सुनील सिंह ने कहा कि मंत्री को आज के विषय पर चर्चा करनी चाहिए. निर्दलीय महेश्वर सिंह ने कहा कि मंत्री पूरी जानकारी लेकर ही बाेलें. मंत्री अपनी बात कहने के लिए उठे, लेकिन धार्मिक चर्चा करने लगे. इस पर आसन से सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने कहा कि सदन आय-व्ययक पर मंत्री का जवाब सुनना चाहता है. शिक्षा पर चर्चा करें कि सरकार ने कितना महत्वपूर्ण काम किया.
सदन की दूसरी पाली में शिक्षा, विज्ञान एवं प्रावैधिकी, सूचना प्रावैधिकी और श्रम संसाधन विभाग पर चर्चा शुरू हुई. भाजपा की तरफ से अनिल कुमार, संजय प्रकाश, प्रो नवल किशोर यादव और प्रो राजेंद्र प्रसाद गुप्ता सहित निर्दलीय सर्वेश कुमार ने विचार रखे. सत्ता पक्ष से राजद के अजय कुमार सिंह, कांग्रेस से डॉ समीर कुमार सिंह, जदयू से प्रो गुलाम गौस, जदयू से नीरज कुमार ने अपनी-अपनी बातें रखीं.
शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर ने अपने जवाब के दौरान कहा कि नियोजन नियमावली बहुत जल्द आने वाली है. इसमें किसी भी तरह की कमी की गुंजाइश नहीं होगी. उन्होंने कहा कि असर की हाल की रिपोर्ट में कई मानकों पर बिहार की प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा की स्थिति गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश से बेहतर है.