पटना: विधानसभा चुनाव पर बाजार और सोशल मीडिया का प्रभाव साफ दिखने लगा है. पहले पार्टी संगठन चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार तय किया करती थी. पार्टी के लिए आंदोलन करने वाले और वर्षों से तपे -तपाये कार्यकर्ताओं को उम्मीदवार बनाया जाता था, पर अब सभी दलों में बायोडेटा सिस्टम मजबूत होने लगा है. आगामी विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां बढ़ते ही उम्मीदवारों की दावेदारी भी बायोडाटा के माध्यम से आने लगी हैं. लगभग सभी राजनीतिक दलों के उम्मीदवार अपना-अपना बायोडाटा लेकर पटना पहुंच रहे हैं. पार्टी दफ्तरों और आला नेताओं के यहां हलचल तेज हो गयी है. कोरोना संकट के बावजूद उम्मीदवारों की कतार सभी राजनीतिक दलों के दफ्तरों में दिखने लगी है. बायोडेटा बनाने वाली एजेंसियों के कारोबार भी खुल गये हैं.
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि वर्ष 1990 के पहले तक के चुनावों में केवल कांग्रेस पार्टी में ही उम्मीदवारी के लिए बायोडाटा लिए जाते थे. बाद के दिनों में यह परंपरा टूटी और 1990 के बाद जनता दल और भाजपा सहित अन्य पार्टियों में भी उम्मीदवारों से बायोडाटा लिया जाने लगा. वाम दलों में पहले भी यह परंपरा नहीं थी और अब भी नहीं है. वहां उम्मीदवारों के चयन की अलग प्रक्रिया है.
सूत्रों के अनुसार पार्टी में उम्मीदवारी को लेकर जदयू के प्रदेश कार्यालय में अब तक करीब एक हजार बायोडाटा जमा हो चुके हैं. पितृपक्ष शुरू होने के बाद बायोडाटा आने की संख्या में कमी आयी है. हर जिला के अनुसार फाइल बनाकर उनमें बायोडाटा जमा किये जा रहे हैं. पार्टी सूत्रों का कहना है कि फिलहाल सभी नेताओं का मुख्य ध्यान सात सितंबर को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निश्चय संवाद पर है. इसके बाद बायोडाटा आने की संख्या में तेजी आयेगी.
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा 15 सालों में किये गये विकास के कामों से लोग प्रभावित हैं. हर वर्ग के लोग लगातार पार्टी से जुड़ रहे हैं. पार्टी के साथ मिलकर राज्य के विकास में योगदान देना चाहते हैं. इसलिए पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए बायोडाटा लेकर बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं.
विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आने के साथ ही भाजपा प्रदेश कार्यालय में अब तक करीब 700 लोगों ने अपना बॉयोडाटा जमा करा दिया है. पिछले तीन-चार दिनों से पार्टी में बिहार प्रभारी सांसद भूपेंद्र यादव और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री सौदान सिंह को भी बड़ी संख्या में लोगों ने उनसे मुलाकात करके अपना बॉयोडाटा सौंपा है. काफी संख्या में लोगों ने प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल को भी बॉयोडाटा दिया है. फिलहाल अब तक आये सभी बॉयोडाटा को एकत्र करके कार्यालय में ही एक सुरक्षित स्थान पर रखा जा रहा है.
राजद से टिकट की आस में तीन सितंबर तक 1480 से अधिक बायोडाटा जमा हो चुके हैं. इनमें सर्वाधिक बायोडाटा मगध और पटना परिक्षेत्र से आये हैं. चार सितंबर को भी बायोडाटा वालों की कतार लगी रही है. राजद के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक अब बायोडाटा लेने की कवायद शनिवार से प्रदेश कार्यालय में बंद हो जायेगी. यह देखते हुए कि अधिक -से- अधिक बायोडाटा की छंटनी में दिक्कत आ रही है. दूसरी तरफ, दस सर्कुलर रोड स्थित पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर करीब पांच सौ से अधिक बायोडाटा आये हैं. हालांकि, इसकी अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है.जानकारी के मुताबिक राजद में प्रत्येक चुनाव में बायोडाटा लेने की रस्म रही है.
हम के प्रदेश अध्यक्ष बीएल बैश्यंत्री ने कहा कि चुनाव लड़ने की दावेदारी के लिए कार्यकर्ता अपना ब्योरा पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं. टिकट बंटवारे के लिए बायोडाटा जमा कराये जायेंगे या नहीं इस पर विचार ही नहीं किया गया है. टिकट पर पहला हक पार्टी कार्यकर्ता का है.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya