Bihar Election 2020, LJP, Chirag Paswan, Exclusive Interview : लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने इस चुनाव में अपने किरदार के बारे में खुलकर बातें कीं. उन्होंने अपने भविष्य की योजनाओं के बारे में भी प्रभात खबर से साझा किया. पिता की मौत के दुख के बीच चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने प्रभात खबर के सवालों का बेबाक जवाब दिया. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बिहार दौरे के समय पिता रामविलास पासवान को याद करने के लिए धन्यवाद भी दिया. राज्य ब्यूरो प्रमुख मिथिलेश से उनकी बातचीत के कुछ अंश.
इस चुनाव का मुद्दा बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट (Bihar First Bihari First) होना है. सीटों की संख्या में कमी- बेसी कोई मुद्दा नहीं है. बिहार की खोयी प्रतिष्ठा वापस लाना, युवाओं को रोजगार दिलाना, प्रदेश में उद्योगों का जाल बिछाना ही प्रमुख मुद्दा है. मेरे बारे में अफवाह फैलायी गयी कि मैं अति महत्वाकांक्षी हूं. इस कारण से नीतीश कुमार के खिलाफ हूं, पर यह सही नहीं है. सच तो यह है कि बिहार का विकास सात निश्चय से नहीं हो सकता. बिहार को नली-गली से बाहर निकल विकसित राज्यों की श्रेणी में लाना है. सात निश्चय भ्रष्टाचार की जड़ है. मैंने बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट के लिए चार लाख से अधिक लोगों से सुझाव मांगे थे.
अमित शाह सही बोल रहे हैं. मैंने उनसे दो बार और जेपी नड्डा से चार बार मिल कर अपनी बात रखी.मैंने कहा था कि एनडीए की अपनी योजना होनी चाहिए. सात निश्चय तो महागठबंधन की योजना थी. 2017 में जब नीतीश कुमार एनडीए के अंग बने, तो भी सात निश्चय ही लागू किया गया. इस बार भी सात निश्चय पार्ट- 2 जारी कर दिया. अब इसके बाद मेरे पास कोई दूसरा विकल्प ही नहीं बचा.न कोई पत्र का जवाब न कोई फोन, जबकि मेरा एकमात्र एजेंडा बिहार ही था.
लोजपा को वोटकटवा कहा जाना रामविलास पासवान का अपमान करना है. मैं यह जानता हूं कि इस तरह की बातें कहां से आ रही हैं. सिर्फ और सिर्फ एक आदमी इसके पीछे खड़े हैं. वे खुद नहीं बोलते, दूसरों से कहलवा रहे हैं. सीएम की यह पुरानी कार्यशैली रही है.उनके दबाव में भाजपा के वरिष्ठ नेता भी अपनी मर्यादा तक भूल जा रहे हैं.
भाजपा को स्पष्ट करना चाहिए कि चुनाव बाद यदि उसे सरकार बनाने के लिए लोजपा के सहयोग की जरूरत पड़ी, ताे नहीं लेगी. यदि ऐसा है तो अभी से स्पष्ट कर देना चाहिए. मेरी राह भी अलग हो जायेगी. लोजपा ने हमेशा से चुनाव पूर्व समझौता किया है.
जी. पूरी तरह. मेरे लिए समुद्र मंथन की तरह यह चुनाव है. मैं चाहता हूं, कि यह हो जाये. दरअसल एक जेनरेशन गैप भी है. पिता जी के साथ काम करने वाले मेरे साथ कुछ सहज नहीं हो पाते. मेरे साथ जो आयेगा, वह अगले पचास साल तक साथ रहेगा.
Posted By : Sumit Kumar Verma