पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को पूर्वी चंपारण के हरसिद्धी और बांका में एलपीजी बॉटलिंग प्लांट के अलावा दुर्गापुर-बांका के बीच गैस पाइपलाइन का नयी दिल्ली से ऑनलाइन उद्घाटन किया. उन्होंने अपने करीब 30 मिनट के संबोधन की शुरुआत अंगिका भाषा में करते हुए इन तीनों परियोजनाओं के बारे में अंगिका में ही जानकारी दी और कहा कि बिहारवासी लोगन के बहुत-बहुत बधाई छै. बांका शूरवीर और शहीद के धरती छै.
प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार प्रतिभा का पॉवरहाउस है. कहीं भी चले जाएं, बिहार की ताकत दिखेगी. यहां की प्रतिभा का प्रभाव देश में चारों तरफ फैला हुआ है. कहीं भी चले जाएं यहां के टैलेंट, ताकत और श्रम की छाप दिखेगी. भारत सरकार से लेकर कई महत्वपूर्ण स्थानों पर यहां के लोग देश की सेवा तत्परता से कर रहे हैं. किसी आइआइटी या अन्य किसी बड़े संस्थान में यहां के युवा आंखों में बड़े-बड़े सपने लेकर देश के लिए कुछ हटकर करने में लगे रहते हैं. उन्होंने कहा कि कहीं-न-कहीं हमारे ऊपर बिहार का कर्ज है. इस वजह से हम बिहार की सेवा करें. बिहार में ऐसा सुशासन रखें, जो बिहार का अधिकार है.
उन्होंने कहा कि बिहार और देश में अब उन दिनों से बाहर निकल गया है, जब एक पीढ़ी में काम की शुरुआत होती थी और दूसरी पीढ़ी में यह समाप्त होता था. लेकिन, अब ऐसा नहीं है. तभी तो 194 किमी लंबी बांका-दुर्गापुर गैस पाइपलाइन का काम महज 18 महीने में पूरा हो गया. उन्होंने कहा कि अब नये भारत और नये बिहार की पहचान को मजबूत करना है और इसी कार्यसंस्कृति को आगे बढ़ाना है. इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भूमिका भी काफी अहम है. ऐसे काम करते ही बिहार और पूर्वी भारत आगे बढ़ सकता है.
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पीएम ने बिना किसी का नाम लिये बिहार के विरोधी दलों पर जोरदार प्रहार किया. कहा कि पहले जब रोड बनती थी, तो उस समय लोग बोलते थे कि यह तो गाड़ी वालों के लिए है. पैदल वालों के लिए क्या है. यानी उनकी सोच ही गड़बड़ थी. उनकी प्राथमिकता में सड़क, रेल, इंटरनेट थी ही नहीं. बिहार में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. लेकिन, उस समय कुछ लोग यह कहते थे कि बिहार के युवा पढ़-लिखकर कर क्या करेंगे. खेत में ही तो काम करना है. ऐसी सोच ने ही बिहार की प्रतिभा के साथ अन्याय किया और यहां बड़े शिक्षण संस्थान खोलने की कभी कोई पहल नहीं की. यहां के युवाओं को कोई दूसरा मौका नहीं देना सही नहीं था. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के शासन में यहां दो केंद्रीय विश्वविद्यालय, आइआइटी, आइआइआइटी, निफ्ट, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी समेत अन्य शिक्षण संस्थान खुले हैं, जो युवाओं के सपनों को नयी उड़ान देने में मदद कर रहे हैं. मौजूदा समय में शिक्षण संस्थानों की संख्या राज्य में तीन गुने से ज्यादा हो गयी है. वर्तमान सरकार का प्रयास जिला स्तर पर युवाओं के लिए कौशल प्रशिक्षण केंद्र खोलने की है. उन्होंने कहा कि बिहार में सामर्थ और संसाधन होने के बाद भी दशकों तक पीछे रहने का मुख्य कारण राजनीतिक और आर्थिक था.
प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार ने पिछले 15 साल के शासन में यह दिखाया कि अगर सही सरकार, सही फैसले लेती है, तो उसका क्या असर होता है. सरकार के पास स्पष्ट नीति हो, तो विकास होता है और वह हर तरफ पहुंचता है. उन्होंने कहा कि बिहार के हर सेक्टर की पहचान कर इसका विकास किया जा रहा है. बिहार के लोग इतनी ऊंची उड़ान भरे, जितना उनका सामर्थ है. पहले यहा बिजली की क्या स्थिति थी, यह किसी से छिपी नहीं है.
पीएम ने कहा कि पूरे पूर्वी भारत के विकास का केंद्र बिहार बनेगा. आने वाले समय में इस तरह के आठ हजार से ज्यादा प्रोजेक्टों पर छह लाख करोड़ से ज्यादा खर्च होंगे. बिहार लैंडलॉक स्टेट होने के कारण यहां गैस आधारित प्रोजेक्ट को लगाने के लिए बड़े स्तर पर व्यवस्था की जा रही है. पेट्रोलियम और पॉवर सेक्टर में तेज विकास हो रहा है. गैस पाइपलाइन आने से बरौनी समेत अन्य फर्टिलाइजर, पॉवर और स्टील उद्योगों को ऊर्जा मिलेगी. सीएनजी से स्वच्छ ईंधन मिलेगा. बिहार में गैर और पेट्रो आधारित उद्योगों का सीधा असर लोगों के जीवन स्तर पर पड़ेगा. रोजगार के नये अवसर मिलेंगे.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya