Bihar Election 2020 पटना: प्रदेश के एनडीए के खिलाफ वाले छोटे-छोटे दल राजद के साथ छोटे भाई की भूमिका में आना चाहते हैं. हाल ही में कुछ दलों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने राजद नेतृत्व से मुलाकात कर गठबंधन में आने के लिए अपनी पेशकश की है़ राजद ने इस पर सकारात्मक प्रक्रिया दी है़. ऐसे दलों में सीपीआइ,सीपीआइ एम और सीपीआइ(एमएल) और एनसीपी शामिल हैं. राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक यह राजनीतिक रुझान इसलिए भी अचरज भरा है क्योंकि इससे पहले यह दल कभी भी राजद के साथ गठबंधन का हिस्सा नहीं रहे हैं.
कैडर बेस्ड इन दलों के समर्पित कार्यकर्ता खासतौर पर मध्य बिहार में राजद के समर्थन में एनडीए के खिलाफ सियासी समीकरण मजबूत करने की कोशिश कर रहे है़ं राजनीतिक समीक्षकों के मुताबिक 42 से अधिक सीटों पर मजबूत कैडर रखने वाली सीपीआइ, सीपीआइएम और माले खासतौर पर जीतन राम मांझी के राजद गठबंधन से छिटकने की कमी को पूरा कर सकते हैं.
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यह देखते हुए कि इस पार्टी का कैडर खासतौर पर दलितों में सर्वाधिक है़ दूसरे शहरी क्षेत्रों में वैचारिक वर्ग में इसकी समुचित पैठ है़ इसी तरह तारिक अनवर के कांग्रेस में शामिल होने के बाद बेशक उसका असर सीमित क्षेत्र में ही क्यों न हो, एनसीपी भी राजद के साथ मिलकर चुनावी ताल ठोंकना चाहती है़ फिलहाल राजद के शीर्ष नेतृत्व से कॉमरेड केडी यादव और एनसीपी नेता सच्चिदानंद ने मुलाकात की है़ अभी केवल प्रारंभिक स्तर पर बातचीत हुई है,लेकिन गठबंधन के लिए दोनों ओर से सैद्धांतिक सहमति हो चुकी है़ इससे पहले रालोसपा, वीआइपी आदि छोटे छोटे दल राजद साथ एकजुट हैं.
1999 से राजद की प्रदेश और केंद्र दोनों में रणनीतिक साझीदारी भी प्रदेश के विधानसभा चुनाव में जारी रहेगी़ बीते रोज से राजद नेता तेजस्वी यादव अपने सहयोगियों के साथ दिल्ली पहुंचे हुए हैं. सूत्रों के मुताबिक बीते रोज रविवार को सीट बंटवारे को लेकर एक अनौपचारिक मीटिंग कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं के साथ हुई है़ राजद और कांग्रेस की सीटों का बंटवारा तय होने के बाद ही अन्य दलों के साथ सीट साझेदारी को अंतिम रूप दिया जायेगा़
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya