राज्य के अलग-अलग हिस्सों में लगातार बारिश से गंडक, कमला बलान, कोसी सहित अन्य नदियां उफान पर हैं. वहीं गंडक नदी का जलस्तर बुधवार के बाद गुरुवार को भी गोपालगंज जिले के डुमरियाघाट में खतरे के निशान से ऊपर दर्ज किया गया. वहां खतरे का निशान 62.22 मीटर है जबकि इसका जलस्तर 62.80 मीटर था. इसके जलस्तर में बढ़ोतरी के संकेत हैं. जल संसाधन विभाग लगातार बाढ़ से सुरक्षा व्यवस्था की मॉनीटरिंग कर रहा है. विभाग ने अपने सभी बांधों को सुरक्षित बताया है.
केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों के अनुसार राजधानी पटना सहित अन्य स्थानों पर गंगा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है. साथ ही पटना के श्रीपालपुर में पुनपुन नदी में बढ़ोतरी के संकेत हैं. गंगा का जलस्तर बक्सर में खतरे के निशान से करीब 10 मीटर नीचे है्.
पटना के दीघा घाट पर करीब पांच मीटर, गांधी घाट पर करीब चार मीटर, हाथीदह में करीब पांच मीटर, मुंगेर में करीब आठ मीटर, भागलपुर में करीब सात मीटर, कहलगांव और साहेबगंज में करीब 5.5-5.5 मीटर नीचे था. इसमें बढ़ोतरी के संकेत हैं.
इसके साथ ही कोसी नदी का जलस्तर सुपौल जिले के बसुआ में करीब 1.11 मीटर, खगड़िया जिला के बलतारा में 1.65 मीटर और कटिहार जिले के कुरसेला में 5.21 मीटर नीचे था. इसमें भी बढ़ोतरी के संकेत हैं.
कमला बलान नदी का जलस्तर मधुबनी जिले के जयनगर में खतरे के निशान से करीब 20 सेंमी नीचे था. वहां जलस्तर घट रहा है. मधुबनी जिले के झंझारपुर में 1.23 मीटर नीचे था. वहां जलस्तर स्थिर है.
बिहार में मानसून के प्रवेश केे साथ ही तेज बारिशों का दौर शुरू हो गया है. सीमावर्ती क्षेत्रों के पास बने विशेष चक्रवाती सिस्टम के कारण कई इलाकों में भीषण बारिश जारी है. वहीं नेपाल मेंं हो रही तेज बारिश का असर भी बिहार पर पड़ा है. सूबे के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं.
Posted By: Thakur Shaktilochan