ग्रेटर नोएडा में 31 दिसंबर की रात को सड़क हादसे की शिकार हुई दनियावां निवासी बीटेक छात्रा स्वीटी की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है. डॉक्टरों ने उसे वेंटिलेटर से हटा दिया है, लेकिन, वह अभी भी कोमा में है. घटना के पांच दिन बीत चुके हैं. इसके बावजूद पुलिस अभी भी आरोपियों तक नहीं पहुंच पायी है.
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह घटना जिस जगह पर हुई, उसके तीन से चार किलोमीटर तक के दायरे में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं. इसके चलते पुलिस को आरोपियों तक पहुंचने में खासी दिक्कत हो रही है. नोएडा के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (ग्रेटर नोएडा) दिनेश कुमार ने बताया कि नव वर्ष की पूर्व संध्या पर ग्रेटर नोएडा में अल्फा-2 बस स्टैंड से डेल्टा-2 सेक्टर की तरफ जा रही तीन कॉलेज छात्राओं को तेज रफ्तार से आ रही एक कार ने टक्कर मार दी थी. इस हादसे में बिहार की रहने वाली बीटेक की अंतिम वर्ष की छात्रा स्वीटी कुमारी (22) गंभीर रूप से घायल हो गई थी.
स्थानीय लोगों ने स्वीटी को पास के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां डॉक्टरों ने उसके मस्तिष्क की सर्जरी के बाद उसे वेंटिलेटर पर रखा था. सिंह के अनुसार, हादसे में स्वीटी की दो दोस्त, अरुणाचल प्रदेश निवासी करसोनी डोंग और मणिपुर की रहने वाली आंगनबा मामूली रूप से घायल हुई थीं. दोनों को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी.
इस बीच स्वीटी के पैतृक गांव के लोग उसकी सलामती की दुआ कर रहे हैं. उसके माता-पिता नोएडा में ही हैं. पिता शिवनंदन प्रसाद भगत ने बताया कि उनकी बेटी का यह बीटेक का अंतिम साल था और छह जनवरी को परीक्षा में भी शामिल होने वाली थी. लेकिन वह अब उसमें भाग नहीं ले पायेगी और उसका भविष्य भी अंधकार में चला गया.
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ग्रेटर नोएडा के DCP अभिषेक वर्मा ने बताया कि 31 दिसंबर को स्वीटी कुमारी नाम की एक छात्रा सड़क दुर्घटना का शिकार हुई थी. जिसका अभी अस्पताल में इलाज चल रहा है. छात्रा के इलाज केक लिए नोएडा पुलिस कमिश्नरेट की तरफ से सभी पुलिसकर्मियों के एक दिन का वेतन जो कुल मिलाकर दस लाख रुपये है दिया जाएगा. इस बड़ी पहल से स्वीटी के परिवार को राहत मिलेगी.