पटना. नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिये गये. कक्षा एक से दस तक के पिछड़ा व अति पिछड़ा वर्ग के बच्चों के लिए अब मुख्यमंत्री प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना शुरू होगी. इस योजना के तहत राज्य सरकार अब अपने कोष से कक्षा 1 से तक 600, 5 से 8 तक को 1200 से और नवी-दसवीं के बच्चों को 1800 रुपये सालाना देगी. केंद्र सरकार से मिलनेवाली राशि अब बिहार सरकार नहीं लेगी. पहले इस योजना में केंद्र और बिहार सरकार का 50-50% हिस्सा होता था.
कैबिनेट ने कई अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों को भी मंजूरी प्रदान की है. उसमें से एक प्रसताव के तहत सभी जिलों में 250 तथा इससे अधिक जनसंख्या वाले छूटे टोलों को संपर्क पथ से जोड़ा जाएगा. इसके अलावा पटना में शराब की सप्लाई रोकने के लिए चार नये मद्यनिषेध कार्यालय खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी. इन दफ्तरों में खास टीम तैनात की जायेगी जो शराब के निर्माण से लेकर सप्लाई तक को रोकेगी.
सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि नीतीश कुमार की शराबबंदी की नीति के सफल कार्यान्वयन के लिए पटना जिले को चार भागों में बांटा गया है. पटना को बाढ़, मसौढ़ी, पालीगंज और दानापुर क्षेत्र में बांट कर उन्हें मद्यनिषेध एवं उत्पाद क्षेत्र बनाया गया है. इन चारों क्षेत्र में शराबबंदी लागू करने के लिए कार्यालय खोले जायेंगे और 136 लोगों की टीम तैनात की जायेगी.
बिहार सरकार ने कहा है कि पटना के इन चार इलाकों में मद्यनिषेध कार्यालय खुलने के बाद बाढ,मसौढी, पालीगंज और दानापुर के दुर्गम दियारा क्षेत्रों में मद्यनिषेध एवं उत्पाद विभाग का तंत्र मजबूत होगा औऱ शराबबंदी की नीति को सही तरीके से लागू कराया जा सकेगा. अब तक उत्पाद विभाग का जिला कार्यालय पटना में था और यहीं से पूरे जिले में शराबबंदी के लिए कार्रवाई की जा रही थी, लेकिन सरकार ने अब पटना के चार नये जगहों पर मद्यनिषेध और उत्पाद विभाग का ऑफिस खोल कर पूरी टीम तैनात करने का फैसला लिया है.