बिहार के आईटीआई संस्थानों में 15 नए पाठ्यक्रम शामिल किए जाएंगे. ये वह पाठ्यक्रम होंगे जो जिनकी अभी के समय में बाजार में मांग है. ये पाठ्यक्रम राज्य की औद्योगिक क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करेगा जिससे राज्य के युवाओं को रोजगार का मौका मिलेगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में इन पाठ्यक्रमों के शुरू करने पर मुहर लगाई गई. अभी तक आईटीआई में आम तौर पर परम्परागत पाठ्यक्रमों की ही पढ़ाई होती है.
मौजूदा समय में बाजार की जरूरतों में काफी बदलाव हुआ है. इसे देखते हुए बिहार के श्रम संसाधन विभाग ने आईटीआई के पाठ्यक्रमों में बदलाव करने का फैसला किया है. जिन नए पाठ्यक्रमों को शामिल किया जा रहा है उसमें इलेक्ट्रिशियन में पावर डिस्ट्रीब्यूशन को भी शामिल किया गया है. इसमें बिजली और उसके वितरण की बारीकियों के बारे में अप्रेंटिस जानकारी हासिल करेंगे. अभी राज्य में स्मार्ट खेती से लेकर स्मार्ट सिटी तक की कार्ययोजना पर काम चल रहा है. इसको मध्यनज़र रखते हुए तय किया गया है कि टेक्निशियन स्मार्ट एग्रीकल्चर और टेक्निशियन स्मार्ट सिटी ट्रेड में भी आईटीआई में प्रशिक्षण होगा.
इसी तरह परम्परागत बिजली के अलावा गैर परम्परागत बिजली पर भी बिहार में काम हो रहा है. खासकर सोलर व पनबिजली के क्षेत्र में काम हो रहे हैं. इसे देखते हुए सोलर टेक्निशियन की पढ़ाई आईटीआई में होगी. अन्य पाठ्यक्रमों में मैकेनिक ऑटोबडी रिपेयर, टेक्निशियन मेकाट्रोनिक्स, टेक्निशियन थ्री डी पेंटिंग और कम्प्यूटर एडेड इम्ब्रायडरी एंड डिजाइनिंग की भी पढ़ाई होगी.
अभी आईटीआई में इन पाठ्यक्रमों की पढ़ाई शुरू नहीं होने के कारण डिप्लोमा पास या डिग्रीधारी इंजीनियर ही सभी कामों को अंजाम देते हैं. कल-कारखानों में तो इंजीनियरों के माध्यम से काम हो जाते हैं लेकिन छोटे-मोटे दुकानों में समस्या हो जाती है. आईटीआई में इन पाठ्यक्रमों की पढ़ाई शुरू होने पर छोटे-बड़े दुकानों में आईटीआई डिग्रीधारी युवाओं की सहायता ली जा सकेगी.
मंत्री ने कहा कि राज्य की आधी आबादी को रोजगार से जोड़ने के प्रति भी सरकार प्रतिबद्ध है. इसके अधिक से अधिक महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए चार नए व्यवसायिक पाठ्यक्रमों की भी शुरुआत की गई है. राज्य के 28 महिला आईटीआई में इसे शुरू किया जाएगा.