पटना : बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जदयू ने वरिष्ठ नेता श्याम रजक को पार्टी से निष्कासित कर दिया है. इसके साथ ही राजभवन ने श्याम रजक को मंत्री पद से हटाने की बिहार सरकार की अनुशंसा को स्वीकृत कर दिया है. जानकारी के मुताबिक, श्याम रजक पर पिछले कुछ दिनों से पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लग रहा था.
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह के हवाले से चली खबरों के मुताबिक, श्याम रजक दल पिछले कुछ दिनों से पार्टी विरोधी काम में संलिप्त थे. इसी के मद्देनजर उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित करते हुए दल से निष्कासित करने का निर्णय लिया गया है. सियासी गलियारों में चर्चा तेज है कि श्याम रजक आरजेडी में शामिल होने की तैयारी कर रहे थे.
इससे पहले राजद में शामिल होने के अटकलों के बीच श्याम रजक ने प्रभात खबर से खास बातचीत में कहा कि इस संबंध में अभी कोई निर्णय नहीं लिया है. अपने भविष्य की रणनीति का खुलासा वे सोमवार को करेंगे. उन्होंने कहा कि उनका किसी से झगड़ा नहीं है. विचारधारा की लड़ाई है. वे बाबा साहब भीम राव अंबेडकर और पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के सिद्धांतों पर आगे बढ़ने वालों में शामिल हैं. इसके साथ ही राजनीतिक गलियारे में पूर्णिया इलाके के एक मंत्री की भी इस्तीफा देने की चर्चा है.
सूत्रों का कहना है कि श्याम रजक की छवि जदयू और नीतीश सरकार में दलित नेता के रूप में है. वे राजद छोड़कर जदयू में शामिल हुए थे. ऐसे में राजनीतिक गलियारों में उनके फिर से राजद में शामिल होने की चर्चा है. सूत्रों का कहना है कि उद्योग विभाग में एक अधिकारी की तैनाती को लेकर मंत्री श्याम रजक नाराज चल रहे थे. पिछले कुछ दिनों से वह अपने दफ्तर भी नहीं जा रहे थे.
श्याम रजक एक जमाने में राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद के करीबी माने जाते थे. उनकी और रामकृपाल यादव की जोड़ी को ‘राम-श्याम’ की जोड़ी कहा जाता था. वे राबड़ी देवी की सरकार में मंत्री भी रहे, लेकिन 2009 में वे जदयू में शामिल हो गये. वे 2010 में फुलवारीशरीफ विधायक बने, फिर मंत्री भी बने, लेकिन 2015 में महागठबंधन की सरकार में उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया. महागठबंधन से अलग होकर बनायी गयी नीतीश सरकार में श्याम रजक फिर मंत्री बना दिये गये.
Upload By Samir Kumar