राज्य के मेडिकल कॉलेजों में 85 प्रतिशत सीटों के अलावा केंद्रीय कोटे के तहत बची हुई सीटों पर भी एडमिशन होगा. इस बार बिहार को 72 सीटें अधिक मिल गयी हैं. बढ़ी हुई 72 सीटें बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद (बीसीइसीइबी) सेकेंड काउंसेलिंग में शामिल करेगा. इसकी तैयारी की जा रही है.
गौरतलब है कि 15 प्रतिशत सीटों पर मेडिकल काउंसेलिंग कमेटी (एमसीसी) की ओर से सेकेंड राउंड तक एडमिशन हुआ है. सेकेंड राउंड के एडमिशन प्रक्रिया समाप्त होने के बाद बिहार के बचे 72 सीटों पर एमसीसी ने लौटा दिया है. इस बचे हुए सीट को एमसीसी ने बिहार को 10 दिसंबर को वापस किया था.
केंद्रीय कोटा 15 प्रतिशत के तहत बिहार के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों को मिला कर 200 सीटों पर एडमिशन होता है, लेकिन इस बार एमसीसी के अंतिम राउंड तक 200 सीटों में से मात्र 128 सीटों पर ही एडमिशन हुआ. बाकी सीटें बिहार को वापस मिल गयी. इस पर एक्सपर्ट ने कहा कि बिहार को 72 सीटें मिलने के कारण इस बार बिहार के 25 से 30 स्टूडेंट्स को फायदा मिल जायेगा.
गोल इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञों ने कहा कि 72 सीटें मिलने से बिहार को अधिक डॉक्टर मिलेंगे. यह सभी के लिए अच्छी बात है. इस बार अंतिम कटऑफ के नजदीक रहने वाले 25 से अधिक स्टूडेंट्स को फायदा मिलेगा. यह 25 लोग वे होंगे जिन्हें स्टेट कोटे के तहत एडमिशन नहीं मिलता. अधिक सीटें वापस होने बिहार के स्टूडेंट्स के लिए खुशी की बात है.
राज्य के 85 प्रतिशत में एमबीबीएस और बीडीएस मिला कर 1100 सीटों पर इस बार एडमिशन होगा. बीसीइसीइबी के अनुसार बिहार के सरकारी मेडिकल और डेंटल कॉलेज में एमबीबीएस व बीडीएस के 1330 सीट है. 15 प्रतिशत केंद्र के कोटे के तहत 200 सीटों पर बिहार के मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन होना था, जिसमें मात्र 128 सीटों पर एडमिशन हुआ. इसके साथ 30 सीटें केंद्रीय कोटे के तहत आरक्षित है.
इस प्रकार बीसीइसीइबी के तहत 1070 सरकारी एमबीबीएस और 30 सरकारी बीडीएस सीटों पर एडमिशन होगा. कुल 1100 में 72 सीटें और बढ़ गयी हैं, तो इस बार 1172 सीटों पर एडमिशन होगा.
Posted By: Thakur Shaktilochan