पटना. राज्य में मेडिकल की पढ़ाई और मरीजों के इलाज के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर में लगातार बढ़ोतरी की जा रही है. राज्य सरकार अगले पांच सालों में 13 जिलों में 13 नये मेडिकल काॅलेज एवं अस्पताल खोलने जा रही है. इसके बाद वर्ष 2027 तक प्रदेश में 26 जिलों में 33 मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल हो जायेंगे. वर्तमान में राज्य के 13 जिलों में 20 मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल हैं, जहां एमबीबीएस की पढ़ाई हो रही है. इनमें 12 सरकारी और आठ निजी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल हैं. इनमें मुंगेर और पूर्वी चंपारण जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए हाल ही में कैबिनेट ने 1207 करोड़ रुपये मंजूर किये हैं.
वर्तमान में राज्य के मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की कुल 2540 सीटों पर विद्यार्थियों का नामांकन होता है. नये 13 मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों की स्थापना के बाद राज्य में एबीबीएस की सीटें बढ़ कर करीब साढ़े चार हजार हो जायेंगी. साथ ही राज्य में मरीजों के बेहतर इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में बेडों की संख्या करीब 20 हजार हो जायेगी. इन सभी मेडिकल कॉलेजों के संचालन के लिए राज्य में अपना मेडिकल विश्वविद्यालय भी स्थापित हो जायेगा.
अभी जिन जिलों में मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल संचालित हो रहे हैं, उनमें पटना जिले में सर्वाधिक छह मेडिकल कॉलेज अस्पताल हैं. इसके अलावा मुजफ्फरपुर व सहरसा में दो-दो और गया, दरभंगा, बेतिया (पश्चिम चंपारण), मधेपुरा, भागलपुर, कटिहार, मधुबनी, किशनगंज, सासाराम और पावापुरी (नालंदा) में एक-एक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल हैं.
पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल का 5540 करोड़ की लागत से पुनर्निर्माण कराया जा रहा है. तीन चरणों में पुनर्निर्माण कार्य पूरा होने के बाद यहां बेडों की संख्या 1750 से बढ़ कर 5460 हो जायेगी. इसके बाद यह देश का सबसे बड़ा और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा अस्पताल बन जायेगा.
नये स्थापित होनेवाले मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों में एमबीबीएस की 150-150 सीटों पर नामांकन की योजना है. साथ ही हर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 500 से 1000 बेडों की स्थापना चरणवार की जायेगी.
इन 13 जिलों में खुलेंगे नये मेडिकल कॉलेज
जमुई, बक्सर, सीवान, पूर्णिया, छपरा (सारण), समस्तीपुर, महुआ (वैशाली), आरा (भोजपुर), बेगूसराय, मधुबनी, सीतामढ़ी, मुंगेर व पूर्वी चंपारण.
केंद्र सरकार छह एम्स में फैमिली मेडिसिन का पीजी कोर्स शुरू करने पर विचार कर रही है. इसका उद्देश्य विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को दूर करना और फैमिली फिजिशियन की अवधारणा को वापस लाना है. फैमिली मेडिसिन में पीजी कोर्स की शुरुआत एम्स पटना, रायपुर, ऋषिकेश, जोधपुर, भुवनेश्वर और भोपाल से होगी. इन संस्थानों में कोर्स को मिलने वाली प्रतिक्रिया पर देश के अन्य संस्थानों में इसकी शुरुआत होगी. इसके शुरू होने से फैमिली मेडिसिन में एमबीबीएस करने के बाद डॉक्टरों के पास अब एमडी का विकल्प होगा.