बिहार राज्य निर्वाचन आयोग ने नगरपालिका चुनाव को दो चरणों में निष्पक्ष तरीके से संपन्न कराने को लेकर सभी जिलाधिकारियों को कई निर्देश जारी किये हैं. दो चरणों में राज्य की 224 नगरपालिकाओं में मतदान कराया जाना है. आयोग ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि पूर्व से नियुक्त निर्वाची व सहायक निर्वाची पदाधिकारी यदि स्थानांतरित या सेवानिवृत्त हो गये हों, तो उनके स्थान पर नये पदाधिकारियों की नियुक्ति शनिवार तक कर आयोग की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाए.
जिलों को भेजे गये निर्देश में आयोग ने कहा है कि सभी संबंधित प्रत्याशियों को निर्वाची पदाधिकारी के माध्यम से चुनावी कार्यक्रम संबंधी सूचना, मतदान कि तिथि और समय के साथ मतगणना की तिथि और समय व मतगणना स्थल की लिखित रूप से तामिल कराया जाये. इससे संबंधी रसीद सुरक्षित कर रखी जाए.
आयोग ने जिलों को सिंगल विंडो सिस्टम को सक्रिय कर चुनाव लड़नेवाले सभी प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार की अनुमति मांगे जाने पर निर्धारित समय व पूर्व अनुमति देने की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है. आयोग ने सभी जिलों को चुनाव कराने को लेकर फिर से सभी कोषांग को सक्रिय करने का निर्देश दिया है.
आयोग ने जिलों को निर्देश दिया है कि पहले चरण के मतदान के लिए बज्रगृह में रखे गये हर इवीएम का प्रत्याशियों की उपस्थिति में कम से कम 100 मॉक पोल करायी जाए. इसमें प्रत्याशिवार कम से कम पांच-पांच मत डालकर मॉकपोल करायी जाए. पहले चरण का मॉक पोल सात और 13 दिसंबर को होगा. दूसरे चरण के मतदान की इवीएम का मॉकपोल 21 व 26 दिसंबर को होगा. मॉक पोल के बाद डाले गये मतों के आंकडे को डिलीट कर दिया जायेगा. इवीएम की जांच बीइएल के इंजीनियर की उपस्थिति में होगी. मॉकपोल के क्रम में एक लॉग बुक तैयार किया जाये. पावरपैक की जांच कर ली जाए. खराबइ इवीएम को रिप्लेस किया जाए. मॉकपोल की वीडियोग्राफी हो.
जिलों को यह भी कहा गया है कि अंतिम रूप से प्रकाशित मतदाता सूची से ही मतदान कराया जाये. आयोग द्वारा अनुमोदित बूथ पर ही वोटिंग करायी जाए. इसके पहले बूथ का एक बार फिर से भौतिक सत्यापन कराकर नागरिक सुविधाओं की जांच कर ली जाए. इसमें इंटरनेट की कनेक्टिविटी, अबाध बिजली आपूर्ति, पेयजल व प्रतीक्षा स्थल शामिल हैं.
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आयोग ने पहले चरण के मतदान के लिए फिर से कार्मिकों को गहन प्रशिक्षण 10-12 दिसंबर तक कराने का निर्देश दिया है. वाहन की आवश्यकता अनुसार उपलब्धता का 10 दिसंबर तक फिर से आकलन कर लिया जाए. कम्युनिकेशन प्लान की अपडेट स्थिति 10 दिसंबर तक पूरी तैयार कर ली जाए. साथ ही विधि व्यवस्था संबंधी प्रतिवेदन प्रति दिन भेजा जाये. आयोग ने उड़नदस्ता और स्थैतिक निगरानी दल को सक्रिय करने का भी निर्देश दिया है.