बिहार में हत्या की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है तो वहीं अन्य आपराधिक वारदात जैसे डकैती, लूट, दुष्कर्म और अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार के मामलों में कमी आई है. पुलिस मुख्यालय द्वारा वर्ष 2021 और 2022 की पहली तिमाही की तुलनात्मक रिपोर्ट के आकड़ों को जारी करते हुए यह दावा किया गया है.
वर्ष 2021 की पहली तिमाही यानी जनवरी से मार्च के बीच राज्य में 640 हत्याएं दर्ज की गई थीं, जबकि इस साल जनवरी से मार्च तक 679 हत्याएं दर्ज हुई हैं. इस तरह हत्या की घटनाओं में 6.1 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुई है.
पुलिस मुख्यालय के मुताबिक वर्ष 2021 के पहले तीन महीनों के मुकाबले इस साल डकैती में 4.2 प्रतिशत, लूट में 8.1 प्रतिशत, दुष्कर्म में 11.2 प्रतिशत जबकि एससी-एसटी अत्याचार के मामलों में 10.5 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है.
आकड़े बताते है की वर्ष 2021 में 72 डकैती की तुलना में इस साल 69, 665 लूट की तुलना में इस साल 631, 357 दुष्कर्म की तुलना में 317, जबकि 1,548 एससी-एसटी अपराध की तुलना में 1,385 मामले दर्ज किए गए हैं.
पुलिस मुख्यालय ने इन आकड़ों का हवाला देते हुए आपरेशन प्रहार को अपराध में दर्ज कमी का कारण बताया है. राज्य में आपरेशन प्रहार के तहत गंभीर अपराध करने वाले वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए वज्र टीम का गठन किया गया है.
प्रदेश में अभी 20 वज्र कंपनी तथा 47 प्लाटून गठित है. अभी तक आपरेशन प्रहार के तहत राज्य में 21 हजार 138 वांछित अपराधियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
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वहीं शराब के धंधे पर लगाम लगाने के लिए और शराब से जुड़े अपराधियों को पकड़ने के लिए एंटी लिकर टास्कर फोर्स का गठन किया गया है. अभी तक इस अभियान के तहत एएलटीएफ द्वारा 17,148 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई है. इस दौरान 3,00,970 लीटर देसी, जबकि 3,80,369 लीटर विदेशी शराब बरामद की गई है.