जी-20 सम्मेलन के समूह में शामिल 100 प्रतिनिधियों का बुधवार की शाम बिहार म्यूजियम में भव्य स्वागत किया गया. ढोल-नगाड़े के साथ स्वागत के बीच उनके ऊपर फूलों की वर्षा की गयी. इस दौरान वंदे मातरम् के नारे भी लगे. बिहार के इतिहास और विरासत को समझाने के लिए मेहमानों को 12 मिनट की स्पेशल डॉक्यूमेंट्री भी दिखायी गयी. इसमें बौद्ध धर्म के ऐतिहासिक स्थल, कलिंग युद्ध, ग्रैंड ट्रैंक रोड व अन्य बिहार के प्रसिद्ध स्थलों के बारे में जानकारी दी गयी थी.
इसके साथ ही इस्ट इंडिया कंपनी का प्रसार और महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह के बारे में भी संक्षिप्त जानकारी दी गयी. इसके बाद सभी प्रतिनिधियों को चार अलग-अलग ग्रुप में बांट कर बिहार म्यूजियम में रखी एंटीक्यूटी, कलाकृति के बारे में बताते देते हुए म्यूजियम की विभिन्न गैलरियों का भ्रमण कराया गया. चार अलग-अलग क्यूरेटर के मार्गदर्शन में अतिथियों को बिहार म्यूजियम के आर्किटेक्ट, गैलरी और डिजाइन के बारे में बताया गया. अंत में सभी अतिथियों को बिहारी व्यंजनों का स्वाद भी चखाया गया. उन्हें बजका, चूड़ा-घुघनी, लिट्टी चोखा, दालपिठ्ठी, आम समेत अन्य व्यंजन परोसे गये.
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बिहार म्यूजियम का आर्किटेक्ट काफी अद्भुत लगा. म्यूजियम की गैलरी को बेहतर ढंग से डिजाइन किया गया है. यहां भारत के वर्षों पुराने इतिहास को आसानी से समझा जा सकता है. – मैनुएल गॉरिनी, अर्जेंटीना
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बिहार म्यूजियम में किया गया भव्य स्वागत हमेशा याद रहेगा. बिहार के इतिहास पर बनी डॉक्यूमेंट्री से ही यहां की भव्य विरासत को समझने का अवसर मिला. – पैटरिका पैनिका, इंडोनेशिया
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यहां के म्जूजियम में वर्षों पुराने एंटीक्यूटी को बहुत ही बेहतर ढंग से रखा गया है. इसके साथ ही बिहार की विरासत को पहली बार समझने का अवसर मिला है. – अलेक्सी जारकोव, रशिया
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बिहार के लोगोंं का स्वभाव और मिलने-जुलने का तरीका काफी बेहतर लगा. इसके साथ ही पहली बार बिहार का व्यंजन भी चखा, जिसका स्पाइसी स्वाद अब भी जबान पर है. -अलेजेनवेरा, अर्जेंटिना