18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Bihar News: फर्जी अंक पत्र पर बहाल चार शिक्षकों के खिलाफ दर्ज होगी FIR, निगरानी के रडार पर 100 से अधिक शिक्षक

Bihar News: मुजफ्फरपुर फर्जी अंक पत्र पर बहाल होने के मामले में चार शिक्षकों पर विजिलेंस एफआइआर दर्ज करायेगी. विजिलेंस की टीम ने गुरुवार को गायघाट, सकरा, अहियापुर व बोचहां थाने में प्राथमिकी के लिए आवेदन दिया है.

Bihar News: मुजफ्फरपुर फर्जी अंक पत्र पर बहाल होने के मामले में चार शिक्षकों पर विजिलेंस एफआइआर दर्ज करायेगी. विजिलेंस की टीम ने गुरुवार को गायघाट, सकरा, अहियापुर व बोचहां थाने में प्राथमिकी के लिए आवेदन दिया है. फर्जीवाड़े में पकड़े गये शिक्षकों में कांटी के आसनगर निवासी अरविंद कुमार, मुरौल के सादिकपुर के मुन्नी गुप्ता, गायघाट के पटशर्मा निवासी गायत्री कुमारी व बोचहां के मुरादपुर निवासी अजय कुमार झा शामिल हैं. चारों शिक्षकों का मैट्रिक सर्टिफिकेट फर्जी पाया गया है. इनके खिलाफ धोखाधड़ी, गुमराह करने व साजिश के तहत नौकरी करने की धारा में कार्रवाई की गयी है.

सूत्रों की मानें तो जिले के 100 से अधिक शिक्षक रडार पर हैं. उनके प्रमाण पत्र का सत्यापन अंतिम चरण में है. जिले में 11 हजार से अधिक शिक्षकों के प्रमाण-पत्र की जांच की जा रही है. पूर्व में विजिलेंस ने जांच में 25 ऐसे शिक्षक को पकड़ा है, जो फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी कर रहे थे.

शिक्षकों ने ऐसे किया फर्जीवाड़ा

जांच में दूसरे के नाम से सर्टिफिकेट निकला है. कांटी के अरविंद कुमार ने नियोजन के समय मैट्रिक प्रमाण पत्र का विवरण दिया था. इसमें रौल कोड 5151, रौल नंबर 0194, वर्ष 1981, प्राप्तांक 589 श्रेणी प्रथम दिया था. जांच करायी गयी तो यह मुरारी प्रसाद सिंह पिता मुरारी प्रसाद सिंह का निकला. उसके अंक पत्र पर मुहर भी फर्जी पाया गया.

परीक्षा से थी अनुपस्थित

मुन्नी गुप्ता के मैट्रिक के अंक पत्र पर वर्ष 1990, रौल कोड -0857,रौल नंबर 52147, प्राप्तांक 645 व श्रेणी को फर्जी पाया गया है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना में एबसेंट पाया गया. मैट्रिक के अंक पत्र पर फर्जी मोहर मिली है.

छह साल से सर्टिफिकेट की जांच कर रही निगरानी

शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच निगरानी विभाग छह साल से कर रहा है. हाइकोर्ट के आदेश पर सरकार ने जुलाई 2015 में निगरानी विभाग को सभी जिलों में 2006 के बाद नियुक्त शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच का जिम्मा दिया था. हालांकि, अब तक जांच अटकी है. करीब चार हजार शिक्षकों का फोल्डर नियोजन इकाई व विभाग के बीच फंसा रहा. काफी दबाव पर पिछले महीने तक शिक्षकों ने खुद ही अपने सर्टिफिकेट व अन्य डॉक्यूमेंट निगरानी पोर्टल पर अपलोड किया.

Also Read: एससी की अधिक आबादी वाले प्रखंडों में खुलेंगे मॉडल आवासीय स्कूल, सीएम ने दिया निर्माण में तेजी लाने का निर्देश

अंकपत्र पर है फर्जी मुहर

गायत्री कुमारी ने नियोजन के समय परीक्षा समिति द्वारा मैट्रिक का अंक पत्र वर्ष 1988, रौल कोड 5209, रौल नंबर 787, प्राप्तांक 600 व श्रेणी प्रथम दी गयी थी. सत्यापन के दौरान एबसेंट पाया गया है. अंक पत्र पर मुहर फर्जी पायी गयी है. अजय कुमार झा ने मैट्रिक के अंक पत्र पर वर्ष 2005, रौल कोड 5344, रौल नंबर 282, प्राप्तांक 438 और श्रेणी प्रथम बतायी गयी है. सत्यापन कराया गया तो परीक्षा समिति ने यह डिटेल रिंटू कुमार झा, पिता कमलाकांत झा के नाम से पाया है. फर्जी मुहर का इस्तेमाल कर अंकपत्र बनाया गया है.

Posted by: Radheshyam Kushwaha

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें