साधु यादव (Sadhu Yadav), आज बिहार में एकबार फिर यह नाम काफी सुर्खियों में है. एक समय साधु यादव की तूती राजद में ही नहीं बल्कि पूरे बिहार में मानी जाती थी. लेकिन लालू परिवार के सिर से ताज उछला तो रिश्तों में भी काफी बदलाव आया. जो साधु यादव कभी लालू यादव के राइट हैंड माने जाते रहे. वो अब अपनी ही बहन राबड़ी देवी को हराने मैदान में उतर चुके थे. आज तेजस्वी की शादी का विरोध कर रहे साधु यादव को राबड़ी देवी अपना दुश्मन तक बता चुकी हैं…
2014 का लोकसभा चुनाव बेहद अहम था. एनडीए ने भाजपा नेता नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित कर दिया था. वैसे तो सभी सीटें महत्वपूर्ण थी लेकिन बिहार में सारण लोकसभा सीट उस समय सुर्खियों में बना हुआ था. दरअसल, लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी ने इस सीट पर राबड़ी देवी को अपना उम्मीदवार बनाया था. लेकिन साधु यादव इस सीट पर उम्मीदवार बनकर अपनी ही बहन (राबड़ी देवी) के खिलाफ मैदान में उतर गये थे.
2014 के लोकसभा चुनाव में सारण सीट से साधु यादव ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर दावेदारी ठोकी. इस दावेदारी से लालू परिवार की काफी किरकिरी हो रही थी. चुनाव प्रचार के लिए जब लालू-राबड़ी क्षेत्र में आते तो मीडिया उन्हें इससे जुड़े सवालों पर घेरती. राबड़ी के चेहरे पर एक मजबूरी तो लालू यादव के चेहरे पर गुस्सा साफ दिखाई देता.
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राबड़ी देवी से मीडिया ने जब सवाल पूछा था कि उनके भाई साधु मैदान में उन्हें हराने उतरे हैं. क्या वो उन्हें मना लेंगी. तो राबड़ी देवी से बेहद ही सख्त लहजे में जवाब दिया था कि वो कभी उन्हें मनाने नहीं जाएंगी क्योंकि वो दुश्मन है. दूसरी तरफ लालू यादव ने उस समय जवाब देते हुए कहा था कि मैं इन सब बातों की परवाह नहीं करता. चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे. बांकी को वहां भेज देंगें जहां अता-पता नहीं रहेगा. हालांकि इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार राजीव प्रताप रूड़ी की जीत हुइ थी.
Published By: Thakur Shaktilochan