बिहार में पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election 2021) का बिगुल बज चुका है. फर्जी वोट पर रोक लगाने के लिए इस बार चुनाव आयोग ने तकनीक का सहारा लिया है. इस बार चुनाव में बायोमीट्रिक मशीन का सहारा लिया जाएगा. बोगस वोट डालने वाले मतदाता की पहचान मशीन से आसान हो सकेगी. जिसके बाद उन्हें पकड़कर जेल भेज दिया जाएगा.
बिहार पंचायत चुनाव के पहले चरण का प्रचार बुधवार शाम पांच बजे से थम जाएगा. 24 सितंबर को 10 जिलों के 12 प्रखंडों में मतदान कराये जाएंगे. निष्पक्ष और साफ-सुथरे तरीके से मतदान कराने की तैयारी में जुटा निर्वाचन आयोग इस बार मशीन की मदद से बोगस वोट पर रोक लगाएगा. हर बूथ पर बायोमीट्रिक मशीन लगाया जाएगा. जिसके बाद मतदाता अपने मूल मतदान केंद्र के अलावा किसी अन्य बूथ पर वोट नहीं डाल सकेंगे.
फर्जी वोट को रोकने के लिए हर मतदाता की जांच बायोमीट्रिक मशीन से होगी. प्रत्येक बूथ पर एक टेक्निकल स्टाफ बायोमीट्रिक मशीन लेकर बैठेगा. इस मशीन में वोटरों के अंगूठे का निशान, उनका फोटो, मतदाता पर्ची का फोटो, इपिक या अन्य पहचान पत्र का डाटा बेस सुरक्षित हो जाएगा. यदि कोई मतदाता बूथ पर दोबारा मतदान करने आता है तो मशीन उसकी पहचान फर्जी वोटर के रुप में तुरंत कर लेगा और अलर्ट भेज देगा. जिसके बाद उस व्यक्ति के उपर पंचायती राज अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी.
बिहार पंचायत चुनाव 2021 में करीब 15 हजार बायोमीट्रिक मशीनें प्रयोग में लाई जाएगी. आयोग की गाइडलाइन के अनुसार, मतदाता वैकल्पिक दस्तावेज के रुप में आधार कार्ड लेकर आते हैं तो उनके आधार कार्ड नंबर और फिंगर प्रिंट से उनका तत्काल सत्यापन हो जाएगा. सत्यापन संबंधित डाटा क्लाउड पर संग्रहित होगा जिससे फर्जी वोटों पर लगाम लगाया जा सकेगा.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan