सिपाही बहाली प्रश्न पत्र लीक मामले में कंकड़बाग पुलिस द्वारा रामकृष्ण द्वारिका महाविद्यालय से पकड़े गये छह अभ्यर्थियों के पास से मिले मोबाइल फोन व अन्य कागजातों के आधार पर चार सेटरों की पहचान कर ली गयी है. इसमें दो सेटर नालंदा, एक गया और एक दरभंगा जिले के हैं. इन चारों के नंबरों की जानकारी पुलिस को मिलने के बाद लोकेशन व सीडीआर निकाला. इसमें परीक्षा दिन यानि एक अक्तूबर को उनका लोकेशन पटना में दिखा है. लेकिन उसके बाद लोकेशन बिहार के बाहर पश्चिम बंगाल का दिखने लगा. उसके परिवार के लोग भी घर छोड़ रिश्तेदारों के यहां चले गये हैं. पुलिस टीम लगातार नालंदा, गया और दरभंगा में छापेमारी कर रही है. लेकिन पटना में सेटिंग करने में शामिल तमाम सेटर भूमिगत हो चुके हैं.
नालंदा के गिरफ्तार सिपाही कमलेश कुमार ने अपने बहनोई मनु उर्फ मोनू को आंसर-की भेजा था. जबकि गिरफ्तार अभ्यर्थी रजनीश को दरभंगा से आंसर-की भेजा गया था. पुलिस ने कमलेश के मोबाइल फोन व रजनीश के मोबाइल फोन से यह जानकारी ले ली कि किसने उनलोगों को आंसर-की भेजी थी. सेटरों को भी उनके अभ्यर्थियों की गिरफ्तारी की खबर लग गयी और वे सभी भूमिगत हो गये. लेकिन पुलिस अब उन लोगों को भी अभियुक्त बनायेगी, जिन्होंने आंसर की नालंदा जिला बल के सिपाही कमलेश व अभ्यर्थी रजनीश को भेजी थी.
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पटना में सेटिंग करने वाले गिरोह के सदस्य अपने-अपने मूल स्थान को छोड़ चुके हैं. पुलिस को अभी तक जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार सेटर पश्चिम बंगाल, नेपाल भाग चुके हैं. इन सेटरों की गिरफ्तारी पुलिस के लिए अहम है.
पत्रकार नगर इलाके में पकड़े गये परीक्षा माफिया पुष्पक, विकास शंकर को पटना पुलिस रिमांड पर लेगी. इस मामले में फिलहाल एक ऑनलाइन परीक्षा केंद्र का संचालक राजन मिश्रा फरार है. सिपाही बहाली के प्रश्न पत्र लीक मामले में पटना पुलिस को उसकी भी तलाश है. इसके अलावा रमन सिन्हा, कुणाल राज और मनीष को भी पुलिस खोज रही है. ये सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली करते थे.